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नोबेल पुरस्कार: विश्व का सर्वोच्च सम्मान

-योगेश कुमार गोयल-

-: ऐजेंसी/सक्षम भारत :-

स्वीडन के जाने-माने वैज्ञानिक एल्फ्रेड नोबेल की पुण्य स्मृति में प्रतिवर्ष 10 दिसम्बर को स्टॉकहोम (स्वीडन) में आयोजित एक भव्य समारोह में नोबेल फाउंडेशन द्वारा कुछ महान् हस्तियों को दुनिया का सर्वोच्च सम्मान ‘नोबेल पुरस्कार’ प्रदान किया जाता है। प्रतिवर्ष यह पुरस्कार विश्व शांति चिकित्सा शास्त्र अर्थशास्त्र साहित्य रसायन विज्ञान तथा भौतिक विज्ञान के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान देने वाले व्यक्तियों को दिया जाता है। विजेताओं के नामों की घोषणा करीब दो माह पूर्व अक्तूबर माह में ही कर दी जाती है। वर्ष 2022 में नोबेल पुरस्कार छह अलग-अलग श्रेणियों में कुल 14 व्यक्तियों तथा संगठनों को दिए गए हैं। इस वर्ष दुनिया की जिन महान् हस्तियों को नोबेल पुरस्कार प्रदान किए जा रहे हैं उनमें शांति का नोबेल पुरस्कार बेलारूस के जेल में बंद अधिकार कार्यकर्ता एलेस बियालियात्स्की रूसी मानवाधिकार संगठन ‘मेमोरियल’ और यूक्रेन के मानवाधिकार संगठन ‘सेंटर फॉर सिविल लिबर्टीज’ को दिया जा रहा है। इस सर्वोच्च पुरस्कार के लिए यूक्रेन के संगठन को ऐसे समय में चुना गया है जब यूक्रेन इस साल फरवरी से ही रूस के हमलों का सामना कर रहा है और दोनों देशों की सेनाएं कई इलाकों में आमने-सामने हो चुकी हैं। स्वीडिश वैज्ञानिक स्वांते पैबो को विलुप्त होमिनिन और मानव विकास के जीनोम से जुड़ी खोजों के लिए चिकित्सा के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार दिया जा रहा है।
अर्थशास्त्र का नोबेल तीन अमेरिकी अर्थशास्त्रियों बेन एस बर्नान्के डगलस डब्ल्यू डायमंड तथा फिलिप एच. डायबविग को दिया जा रहा है। इन्हें यह पुरस्कार ‘बैंकों तथा वित्तीय संकटों पर शोध’ के लिए दिया गया है। समाज वित्तीय संकटों से कैसे निपटता है इन अर्थशास्त्रियों ने इस पर अध्ययन किया था। नोबेल समिति के अनुसार इन्होंने अपने शोध में बताया कि बैंक को पतन से बचना क्यों महत्वपूर्ण है और कैसे बैंक का पतन वित्तीय संकट को बढ़ा देता है। ‘साहस और नैदानिक तीक्ष्णता जिसके साथ वह व्यक्तिगत स्मृति व्यवस्थाओं और सामूहिक प्रतिबंधों को उजागर करती हैं’ के लिए साहित्य का नोबेल फ्रैंच लेखिका एनी एर्नोक्स को दिया जा रहा है। रसायन का नोबेल पुरस्कार अणुओं के टूटने पर किए गए काम के लिए अमेरिका के कैरोलिन आर बर्टाेजी डेनमार्क के मोर्टन मेल्डल तथा अमेरिका के बैरी शार्पलेस को दिया गया है। इस प्रक्रिया को ‘क्लिक’ रसायन विज्ञान के रूप में जाना जाता है। क्लिक रसायन विज्ञान जीवित कोशिकाओं की तरह अणुओं को एक साथ जोड़ने के बारे में है। भौतिकी का नोबेल पुरस्कार फ्रांस के एलेन आस्पेक्ट अमेरिका के जॉन एफ क्लॉसर तथा ऑस्ट्रिया के एंटोन जिलिंगर को ‘क्वांटम मेकैनिक्स’ के क्षेत्र में कार्य करने के लिए दिया गया है जिन्होंने उलझी हुई क्वांटम अवस्थाओं का पता लगाया है और उनके प्रयोगों ने क्वांटम प्रौद्योगिकी में वर्तमान में चल रही क्रांति की नींव रखी है।
नोबेल पुरस्कारों को लेकर यह जानना बहुत दिलचस्प है कि इन पुरस्कारों को दुनिया का सर्वोच्च सम्मान क्यों माना जाता है। दरअसल इस पुरस्कार में इस वर्ष यानी 2022 में नोबेल पुरस्कार विजेताओं को 10 मिलियन स्वीडिश क्राउन राशि दी जाएगी जो भारतीय मुद्रा में करीब 7.52 करोड़ रुपये होगी। यह राशि विश्वभर में किसी भी कार्य के लिए दिए जाने अन्य पुरस्कारों की राशि से बहुत अधिक है। यदि किसी एक क्षेत्र में एक से अधिक विजेता होते हैं तो उस क्षेत्र में दिए जाने वाले नोबेल पुरस्कार की राशि विजेताओें में नियमानुसार बांट दी जाती है। इस पुरस्कार राशि के अलावा प्रत्येक विजेता को करीब 6 सेंटीमीटर व्यास का 200 ग्राम वजनी 23 कैरेट सोने का पदक भी दिया जाता है। नोबेल पुरस्कारों की शुरूआत 10 दिसम्बर 1901 को डा. एल्फ्रेड नोबेल की पुण्यतिथि के अवसर पर ही की गई थी और तभी से ये पुरस्कार प्रतिवर्ष निरन्तर दिए जा रहे हैं। शुरूआत में रसायन शास्त्र भौतिक शास्त्र चिकित्सा शास्त्र साहित्य और विश्व शांति के क्षेत्र में ही नोबेल पुरस्कार दिए गए और पुरस्कार के तहत करीब साढ़े पांच लाख रुपये की धनराशि दी गई थी। बाद में अर्थशास्त्र के क्षेत्र में भी यह पुरस्कार दिया जाने लगा।
नोबेल पुरस्कार की स्थापना स्वीडन के वैज्ञानिक डा. एल्फ्रेड नोबेल द्वारा की गई थी। 10 दिसम्बर 1896 को उनकी मृत्यु हो गई थी लेकिन अपनी मृत्यु से पहले ही उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वालों के लिए भारी-भरकम धनराशि देने के लिए 27 नवम्बर 1895 को एक वसीयत लिख दी थी। उस वसीयत के अनुसार उन्होंने अपनी करीब 90 लाख डॉलर मूल्य की कुल सम्पत्ति से मिलने वाले ब्याज का उपयोग करते हुए रसायन भौतिकी चिकित्सा साहित्य और विश्व शांति के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने का अनुरोध करते हुए इसके लिए धन के इस्तेमाल हेतु एक ट्रस्ट की स्थापना का प्रावधान किया था। 21 अक्तूबर 1833 को जन्मे एल्फ्रेड नोबेल ने डायनामाइट का आविष्कार किया था और 1867 में इंग्लैंड में उस पर पेटेंट भी ले लिया था। पेटेंट हासिल करने के बाद एल्फ्रेड काफी अमीर हो गए थे क्योंकि डायनामाइट अत्यधिक उपयोगी साबित हुआ। अपने उस आविष्कार से बहुत पैसा कमाने के बावजूद उन्हें धक्का तब लगा जब उनकी उस खोज के लिए उन्हें विध्वंसक प्रवृत्ति का व्यक्ति माना जाने लगा। यही कारण रहा कि उन्होंने अपनी कमाई गई बेशुमार दौलत में से ही कुछ विशिष्ट क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वालों के लिए नोबेल पुरस्कार शुरू करने का विचार किया।
दुनिया का यह सबसे प्रतिष्ठित सम्मान कभी-कभार विवादों के साये में भी घिरा है लेकिन फिर भी वास्तविकता यही है कि दुनिया का बड़े से बड़ा शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति रहा हो जिसे इस पुरस्कार को पाने की लालसा न रही हो। नोबेल पुरस्कारों की महत्ता की बात की जाए तो इनका सबसे मजबूत पक्ष यही है कि इस पुरस्कार को पाने की आस में ही सही विश्वभर के अनेक राष्ट्र प्रमुखों के अलावा विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े लोगों द्वारा भी अपने क्षेत्रों में बेहतरीन कार्य करने के प्रयास किए जाते रहे हैं। सही मायनों में नोबेल पुरस्कार समूची मानवता को सामाजिक न्याय लोकतंत्र तथा शांति के नजदीक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाते रहे हैं।

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