राजनैतिकशिक्षा

दोनों सदनों में विपक्ष को हराएगी सरकार

-: ऐजेंसी/सक्षम भारत :-

संसद में मानसून सत्र में दोनों सदनों में नरेंद्र मोदी सरकार और विपक्षी गठबंधन इंडियाÓ के बीच शक्ति परीक्षण की तैयारी है और दोनों सदनों में विपक्ष को हराएगी सरकार। यह स्थिति खुद विपक्षी पार्टियों ने बनाई है, जिससे उनको कुछ भी हासिल नहीं होने वाला है। फिर भी यह संसदीय प्रक्रिया है, जिसके तहत लोकसभा में विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है, जिस पर इस हफ्ते चर्चा होगी। फिर प्रधानमंत्री जवाब देंगे और तब उस पर वोटिंग होगी। दूसरी ओर राज्यसभा में इसी हफ्ते दिल्ली का सेवा बिल पेश होगा। लोकसभा से पास होने के बाद इसे उच्च सदन में रखा जाएगा, जहां विपक्षी गठबंधन ने सरकार के साथ शक्ति परीक्षण की तैयारी की हुई है।पहले अविश्वास प्रस्ताव पर बात करें तो सबको पता है कि उसमें क्या होना है। लोकसभा में सरकार के पास प्रचंड बहुमत है। मोदी सरकार को अपना बहुमत साबित करने के लिए किसी दूसरी पार्टी की भी जरूरत नहीं है। लोकसभा की पांच सीटें खाली हैं इसलिए बहुमत का आंकड़ा 270 सीट का है, जबकि भाजपा के अपने सांसदों की संख्या 301 है। उसकी सहयोगी पार्टियों की संख्या में इसमें जोड़ दी जाए तो आंकड़ा 331 तक पहुंच जाता है। सो, विपक्ष को अगर कुछ हासिल होना है तो वह बहस से होगा, आंकड़ों में तो कोई मुकाबला नहीं है।इसके बाद दिल्ली का सेवा बिल राज्यसभा में पेश होगा। इसके लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के नेत अरविंद केजरीवाल ने बड़ी मेहनत की है। उन्होंने पूरे देश का दौरा किया और सभी विपक्षी पार्टियों को एकजुट किया। संसद सत्र शुरू होने से पहले कांग्रेस ने भी इस मसले पर आम आदमी पार्टी का साथ देने का फैसला किया यानी वह भी विधेयक का विरोध करेगी। इसके बावजूद विपक्ष का आंकड़ा इतना नहीं बनता है कि वह सरकार को विधेयक पास कराने से रोक सके।राज्यसभा में भाजपा के अपने सदस्यों की संख्या 92 है। उसकी सहयोगी पार्टियों मनोनीत सांसदों को मिला कर एनडीए के कुल सदस्यों की संख्या 113 हो जाती है। वाईएसआर कांग्रेस के नेता जगन मोहन रेड्डी ने अपने नौ सांसदों का समर्थन सरकार को दे दिया है। सो, सरकार के पक्ष में 123 का आंकड़ा बनता है, जो बहुमत से ज्यादा है। इसके अलावा मायावती का एकमात्र सांसद इस बिल पर बहस और वोटिंग में हिस्सा नहीं लेगा। विपक्ष के कुछ सांसद बीमार हैं, जिनको किसी तरह से सदन में लाने का प्रयास हो रहा है। जदयू ने अपने सांसद और राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश के लिए भी व्हिप जारी कर दिया है। इसके बावजूद संभावना है कि वे वोटिंग में हिस्सा नहीं लेंगे। कुछ और विपक्षी सांसद गैरहाजिर होंगे। सो, विपक्ष का आंकड़ा 110 तक पहुंचना भी मुश्किल है। सरकार बड़े आराम से इस विधेयक को पास कराएगी और साल के अंत में होने वाले चुनावों से पहले विपक्ष को दोनों सदनों में शिकस्त देगी।

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