इरादतन चूककर्ताओं पर रिजर्व बैंक का परिपत्र वित्तीय प्रणाली के लिए खतरा पैदा करेगा: भाकपा सांसद
नई दिल्ली, 22 जून (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के सांसद विनय विश्वम ने आरोप लगाया है कि भारतीय रिजर्व बैंक के उस परिपत्र से देश के वित्तीय संस्थानों की स्थिरता खतरे में पड़ जाएगी जिसके तहत दबाव वाली संपत्तियों से अधिकतम वसूली के लिए बैंकों को धोखाधड़ी वाले खातों और इरादतन या जानबूझकर चूक के मामलों का निपटारा समझौते के जरिये करने की मंजूरी दी गई है।
विश्वम ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को लिखे पत्र में कहा कि इरादतन चूककर्ता व्यक्तियों और इकाइयों को समझौते का रास्ता देकर जिम्मेदारी के साथ ऋण प्रदान करने के बुनियादी सिद्धांतों और कर्ज लेने वालों की जवाबदेही को कमतर किया गया है। उन्होंने कहा, ”मैं रिजर्व बैंक की ओर से जारी परिपत्र को लेकर अपनी गहरी चिंता प्रकट करने के लिए यह पत्र लिख रहा हूं। इस परिपत्र ने वित्तीय व्यवस्था की स्थिरता के लिए खतरा पैदा किया है।”
उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक ने पिछले दिनों एक अधिसूचना में धोखाधड़ी वाले खातों और कर्ज अदायगी में इरादतन चूक के मामलों में समझौता करने की मंजूरी देते हुए कहा था कि इसके लिए निदेशक-मंडल के स्तर पर नीतियां बनानी होंगी।