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अदालत ने केजरीवाल को दी याचिका वापस लेने की इजाजत, अवमानना मामले में मिला था समन

नई दिल्ली, 17 सितंबर (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को इजाजत दी कि वह अपनी याचिका वापस ले सकते हैं, जिसमें उन्होंने भाजपा नेता विजेंदर गुप्ता द्वारा उनके खिलाफ दायर की गई अवमानना की एक शिकायत में जारी किए गए समन को रद्द करने की मांग की थी। न्यायमूर्ति मनोज कुमार ओहरी ने केजरीवार को याचिका वापस लेने की इजाजत दी। इस याचिका में आप नेता ने निचली अदालत द्वारा उनके खिलाफ आठ जुलाई को जारी समन को चुनौती दी थी। इस याचिका को वापस लेने के लिये दिए गए आवेदन में केजरीवाल के वकील आर अरुणाधरी अय्यर और मोहम्मद इरशाद ने कहा कि शिकायती मामले की सुनवाई सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर सांसदों और विधायकों के खिलाफ मामलों की सुनवाई के लिये बनी विशेष अदालत के समक्ष लंबित है और इसे एक साल के भीतर पूरा किया जाना है। उच्च न्यायालय ने इससे पहले राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीटी) और दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता गुप्ता से केजरीवाल की याचिका पर जवाब मांगा था। उच्च न्यायालय ने इससे पहले कहा था कि पहली नजर में ऐसा लगता है कि ये फैसला करने के लिए सुनवाई जरूरी है कि क्या उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के ट्वीट को आम आदमी पार्टी प्रमुख द्वारा रीट्वीट करना अवमानना है या नहीं। केजरीवाल ने दावा किया था कि उन्होंने अपने ट्वीट या रिट्वीट में गुप्ता का नाम नहीं लिया है। गुप्ता ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि केजरीवाल और सिसोदिया ने ट्विटर पर आप प्रमुख की हत्या की साजिश में शामिल होने का आरोप लगाकर उनकी छवि को नुकसान पहुंचाया है। केजरीवाल ने कहा कि उन्होंने अपने ट्वीट या रीट्वीट में गुप्ता का नाम नहीं लिया।

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