राजनैतिकशिक्षा

गलत जानकारी वाले पूर्व प्रधानमंत्री जानसन की सदस्यता समाप्त

-सनत जैन-

-: ऐजेंसी/सक्षम भारत :-

ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की संसद से सदस्यता समाप्त हो गई है। जानसन को पार्टी गेट मामले में सांसद पद से इस्तीफा देना पड़ा। यह त्यागपत्र उन्होंने संसदीय समिति की जांच में संसद को गुमराह करने के मामले में दिया है। संसदीय समिति उन्हें प्रतिबंधित करती इसके पहले ही उन्होंने अपना इस्तीफा दे दिया है। उनके खिलाफ कोरोना काल मैं पार्टी द्वारा आयोजित डाउन स्ट्रीट के कार्यक्रम की संसद में गलत जानकारी दी थी। इस मामले की जांच संसदीय समिति कर रही थी। जिसमें उन्हें दोषी पाया गया। संसदीय समिति उन्हें प्रतिबंधित करती, इसके पहले ही उन्होंने संसद से इस्तीफा दे दिया।
ब्रिटेन की संसद में सांसदों अथवा सरकार में पदस्थ पदाधिकारियों द्वारा जो जानकारी दी जाती है। उसकी सत्यता विशेष रूप से सत्तारूढ़ दल के द्वारा जो जानकारी संसद में प्रस्तुत की जाती है। उसकी सत्यता को लेकर उनकी जवाबदेही तय होती है। प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए जानसन ने संसद में गलत बयानी की थी। शिकायत होने पर इसकी जांच वहां की संसदीय समिति कर रही थी। ब्रिटेन जैसे देश में आज भी नैतिकता कायम है। जिसके परिणाम स्वरूप पूर्व प्रधानमंत्री जानसन को संसद से अपना इस्तीफा देना पड़ा। यदि संसदीय समिति उन्हें प्रतिबंधित करती, तो उनका राजनीतिक जीवन आगे चलकर बाधित हो जाता। नियम-कायदे-कानून, सब नैतिकता के आधार पर ही सुचारु रुप से चल पाते हैं। ब्रिटेन की संसद आज भी नैतिक मूल्यों का पालन करती है। संसदीय जीवन में इसका विशेष रूप से बड़ा महत्व है। जिसके कारण सारी दुनिया में ब्रिटेन की लोकतांत्रिक व्यवस्था की चर्चाएं होती हैं।
ब्रिटेन की संसद आज भी दुनिया भर के देशों के लिए मार्गदर्शन का काम करती हैं। ब्रिटेन में नैतिक मूल्यों को लेकर सभी लोग सजग होते हैं, यह इस घटना से यह साबित होता है। कोई भी आदमी कितना भी बड़ा हो। वह वहां के बनाए गए नियमों की अनदेखी नहीं कर पाता है। राज परिवार के एक सदस्य ने राज परिवार के नियमों को तोड़ा, तो उसे राजपरिवार से बाहर होकर अपना जीवन यापन करना पड़ रहा है। महारानी एलिजाबेथ के निधन के बाद जब नए राजा का राज्याभिषेक हुआ।उस समय भी राज परिवार से निकाले गए,राज परिवार के सदस्य को वह सम्मान नहीं दिया गया।जो राजपरिवार में जन्म लेने के बाद उसे मिलना था।नैतिकता के मामले में आज भी सारी दुनिया के देशों में ब्रिटेन को ही याद किया जाता है। ब्रिटेन में आज भी लोकतांत्रिक व्यवस्था में राजतंत्र का अस्तित्व बना हुआ है। लोकतंत्र और राजतंत्र मिलकर अपनी-अपनी सीमा में रहते हुए नैतिकता के साथ अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हैं। एक दूसरे का अंकुश एक दूसरे पर बना रहता है। इसके कारण सारी दुनिया में ब्रिटेन साम्राज्य की अलग पहचान है। जो नई ओर पुरानी दोनों ही संस्कृति के साथ कैसे आगे बढ़ा जाता है इसका प्रमाण है।

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