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केवल प्राथमिकी दर्ज होना पद से अयोग्य करार देने का आधार नहींः दिल्ली उच्च न्यायालय

नई दिल्ली, 26 सितंबर (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल में उप-निरीक्षक के पद पर एक व्यक्ति को बहाल करते हुए कहा कि प्राथमिकी दर्ज होने भर से सरकारी पद पर किसी व्यक्ति को नियुक्ति से अयोग्य करार देने का आधार नहीं बन जाता।न्यायमूर्ति एस मुरलीधर और न्यायमूर्ति तलवंत सिंह की पीठ ने विनीत कुमार शर्मा को सीआरपीएफ में एसआई के रूप में बहाल करते हुए यह बात कही। पीठ ने कहा कि उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हुई, केवल इस आधार पर उनकी उम्मीदवारी को निरस्त नहीं किया जा सकता।पीठ ने कहा, गृह मंत्रालय की 1 फरवरी, 2012 की अधिसूचना में निहित दिशानिर्देशों के प्रावधान स्पष्ट करते हैं कि केवल प्राथमिकी लंबित होने भर से, वह भी जो जांच के स्तर पर है और कोई आरोपपत्र दाखल नहीं किया गया है तथा अदालत ने कोई आरोप तय नहीं किये हैं तो आवेदक की उम्मीदवारी पर रोक नहीं रहेगी। उच्च न्यायालय ने सीआरपीएफ के आदेश को खारिज कर दिया जिसमें शर्मा की उम्मीदवारी को रद्द कर दिया गया था।

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