नई शिक्षा नीति पूरी तरह से छात्र विरोधी और छात्रों के हक में नहीं: सुरेन्द्र हर्षित सैनी
रोहतक, 04 सितंबर (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। नई शिक्षा नीति पूरी तरह से छात्र विरोधी और छात्रों के हक में नहीं है। इसका मुख्य उद्देश्य गरीब बच्चों को शिक्षा से वंचित रखना है। आज जो फीस है, उसमें कॉलेजों में बच्चे मुश्किल से पढ़ पाते हैं। अगर कॉलेजों में नई शिक्षा नीति लागू होगी तो फीस कई फीसदी तक बढ़ेगी, जिससे बहुत अधिक बच्चे शिक्षा से वंचित रह जाएंगे। यह कहना था एसएफआई के राज्य सचिव सुरेंद्र का। वे आज पंड़ित नेकीराम शर्मा महाविद्यालय में एसएफआई द्वारा नई शिक्षा नीति पर आयोजित सेमिनार में बोल रहे थे।
उनका कहना था कि अगर नई शिक्षा नीति को देखा जाए तो यह शिक्षा पर एक जोरदार हमला है। इसमें शिक्षा का निजीकरण किया जा रहा है। सरकार नई शिक्षा नीति के नाम पर कुछ चुनिंदा पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाना चाहती है, जिससे न केवल देश की शिक्षा प्रभावित होगी बल्कि देश का भविष्य भी प्रभावित होगा।
एसएफआई कॉलेज सचिव मोहित ने बताया कि आज पंड़ित नेकीराम शर्मा महाविद्यालय में नई शिक्षा नीति को लेकर सेमिनार किया गया, जिसमें लगभग 40 से 50 के करीब विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया और इस सेमिनार में मुख्य वक्ता एसएफआई के राज्य सचिव सुरेंद्र मौजूद थे।
छात्र नेता अनूप ने बताया कि केंद्र सरकार को छात्रों के हक की नीति बनानी चाहिए और उन्हें लागू करना चाहिए। छात्र नेता रिशु ने बताया कि एसएफआई नई शिक्षा नीति का बहिष्कार करती है और आगे आने वाले समय में एसएफआई नई शिक्षा नीति को लेकर एक बड़ा आंदोलन पूरे देश में खड़ा करेगी। इस सेमिनार में छात्र नेता रिशु, अंजलि, इंदु, प्रीति, हिमांशी, कीर्ति, सुशील, सुमित, रवि, अनुज, अनूप, अरुण आदि मौजूद थे।