अनुच्छेद 370: त्वरित सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट का इन्कार
नई दिल्ली, 08 अगस्त (सक्षम भारत)। उच्चतम न्यायालय ने जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने संबंधी अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निष्प्रभावी किये जाने की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली तथा राज्य में जारी कर्फ्यू वापस लेने संबंधी याचिकाओं की त्वरित सुनवाई से इन्कार कर दिया।
याचिकाकर्ता मनोहर लाल शर्मा ने न्यायमूर्ति एन वी रमन्ना की खंडपीठ के समक्ष मामले का विशेष उल्लेख किया। श्री शर्मा ने दलील दी कि जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 को समाप्त किये जाने का केंद्र सरकार का फैसला असंवैधानिक है और पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र में चुनौती देने जा रहा है। ऐसा न हो कि भारत, जम्मू कश्मीर को सदा के लिए खो दे।
इस पर न्यायमूर्ति रमन्ना ने पूछा, क्या आप मानते हैं कि संयुक्त राष्ट्र भारत के संवैधानिक संशोधन पर रोक लगा देगा? इस पर याचिकाकर्ता ने स्वीकार किया कि ऐसा नहीं है। इसके बाद शीर्ष अदालत ने श्री शर्मा की याचिका की त्वरित सुनवाई से इन्कार करते हुए कहा कि मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई इसकी सुनवाई के लिए तारीख तय करेंगे। याचिका में कहा गया है कि सरकार ने अनुच्छेद 370 में जो संशोधन किया है वह पूरी तरह से असंवैधानिक है। सरकार ने इस मामले में मनमानी करते हुए असंवैधानिक ढंग से कार्रवाई की है।
गौरतलब है कि ऐसी ही एक और याचिका दायर की गयी है जिसमें जम्मू- कश्मीर से तुरंत कर्फ्यू हटाने तथा नजरबंद किये गये नेताओं को रिहा करने की मांग की गई है। तहसीन पूनेवाला ने यह याचिका दायर की है। उनके वकील ने भी इस मामले का विशेष उल्लेख न्यायमूर्ति रमन्ना की पीठ के समक्ष ही किया, लेकिन उन्होंने इस मामले में त्वरित सुनवाई से इन्कार कर दिया। न्यायमूर्ति रमन्ना ने तहसीन पूनेवाला को वही जवाब दिया कि मुख्य न्यायाधीश खुद इसकी सुनवाई के लिए तारीख मुकर्रर करेंगे।