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संसद ने उपभोक्ता संरक्षण विधेयक को मंजूरी दी (राउंड अप)

नई दिल्ली, 06 अगस्त (सक्षम भारत)। संसद ने मंगलवार को उपभोक्ताओं के अधिकारों के संरक्षण के मकसद से केन्द्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) की स्थापना तथा खराब सामान एवं सेवाओं की खामियों के संदर्भ में शिकायतों के निवारण की व्यवस्था करने के प्रावधान वाले एक महत्वपूर्ण विधेयक को मंजूरी प्रदान कर दी। राज्यसभा ने इन प्रावधानों वाले उपभोक्ता संरक्षण विधेयक 2019 को चर्चा के बाद ध्वनिमत से पारित कर दिया। विधेयक पर विपक्षी सदस्यों द्वारा लाये गये प्रस्तावों को ध्वनिमत से खारिज कर दिया। लोकसभा इस विधेयक को पहले ही पारित कर चुकी है। इससे पहले विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि चर्चा में सदस्यों ने जो सुझाव दिये हैं उनको इस कानून के नियम बनाते समय शामिल किया जाएगा।चर्चा के दौरान समाजवादी पार्टी की जया बच्चन सहित कुछ सदस्यों ने प्रसिद्ध हस्तियों द्वारा किए जाने वाले भ्रामक विज्ञापनों का मुद्दा उठाया था। इसके जवाब में पासवान ने कहा कि लोकप्रिय हस्तियों द्वारा भ्रामक विज्ञापनों के मुद्दे पर स्थायी समिति ने जेल की सजा का सुझाव दिया था। मंत्री ने कहा कि ‘‘लेकिन विभिन्न देशों के अनुभवों पर गौर करने पर यह पाया गया कि इस मामले ऐसी हस्तियों के लिए गंभीर सजा का प्रावधान नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि मीडिया एवं लोकप्रिय हस्तियों को केवल वही विज्ञापन करने चाहिए जो उन्हें लिखित में दिये गये थे। यदि उन्होंने ऐसा नहीं किया तो उन्हें भ्रामक विज्ञापनों के लिए जिम्मेदार माना जाएगा। पासवान ने कहा कि राज्य सरकारों को ‘‘जागो ग्राहक जागो ’’ जैसे उपभोक्ता जागरूकता कार्यक्रमों पर अधिक ध्यान देना चाहिए। विधेयक में उपभोक्ताओं के अधिकारों को संरक्षण प्रदान करने तथा खराब सामग्री और सेवा के संबंध में शिकायतों के निवारण के लिए एक व्यवस्था कायम करने का प्रयास किया गया है। नई व्यवस्था में केन्द्र और राज्य सरकारों को उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण में न्यायिक और गैर न्यायिक सदस्य नियुक्त करने का अधिकार होगा।अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) के बारे में पासवान ने कहा कि कई रेस्तरां में अधिक पैसे वसूले जाते हैं लेकिन सरकार की ओर से जब हस्तक्षेप किया गया तो वे अदालत में चले गये। उन्होंने कहा कि विभिन्न उत्पादों पर उत्पादकों को एमआरपी, उसके बनने की तारीख, उसके उपयोग के कुल समय और समाप्ति की अवधि को पठनीय अक्षरों में छापना चाहिए। विधेयक में केन्द्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) की स्थापना का प्रस्ताव है जिसका मुख्यालय राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में होगा।इसमें उपभोक्ता विवादों के निपटारे के लिये आयोग गठित करने के साथ जिला, राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर फोरम गठित करने का प्रस्ताव किया गया है।

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