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नगा समस्या: मोदी से अलग झंडे-संविधान की मांग

गुवाहाटी, 25 अगस्त (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार से शांति वार्ता की शुरुआत करने वाले पहले नगा संगठन नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड (इसाक-मुइवा) ने प्रधानमंत्री को एक खत लिखा है. इसमें कहा गया है कि अलग झंडे और अलग संविधान के बगैर नगा शांति प्रक्रिया का सम्मानजनक हल नहीं निकल सकता है.

एनएससीएन (आईएम) का कहना है कि 3 अगस्त, 2015 को हुए समझौते पर दस्तखत के बाद नगा समुदाय के अनूठे इतिहास और स्थिति को 22 साल से चल रही पुरानी शांति प्रक्रिया में आधिकारिक पहचान मिली. हालांकि संगठन का कहना है कि इस फ्रेमवर्क अग्रीमेंट पर मुहर लगे तीन साल हो चुके हैं लेकिन अब तक कोई प्रगति नहीं हुई है.

पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी में कहा गया है कि मूलभूत मुद्दों पर निर्णय लेने के संबंध में भारत सरकार बहुत धीरे बढ़ रही है. बदलते हालात और अन्य घटनाक्रमों को देखते हुए एनएससीएन अध्यक्ष क्यू टुक्कू और महासचिव टीएन मुइवा पीएम मोदी को खत लिखने को मजबूर हुए हैं. एक सम्मानजनक राजनीतिक समाधान के लिए नगा समुदाय की शंकाओं और असमंजस पर विचार करना चाहिए.

इस खत में लिखा गया है कि नगा फ्लैग (झंडा) और संविधान जैसे मूलभूत मुद्दों के संबंध में यह चिट्ठी लिखी गई है, जिस पर अभी दोनों पक्षों के बीच सहमति नहीं बन सकी है. इन दो मूल मुद्दों को हल किए बिना कोई भी सम्मानजनक हल दूर की कौड़ी होगा क्योंकि नगा स्वाभिमान और पहचान हमारे अंदर गहरे से रचे-बसे हैं.

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