देश दुनियानई दिल्ली न्यूज़

क्या रोचे के एंटीबॉडी कॉकटेल से टोसिलिजुमैब के लिए मांग कम होगी ?: अदालत

नई दिल्ली, 14 मई (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्र से पूछा कि अगर दवा क्षेत्र की प्रमुख कंपनी रोचे अपनी नई एंटीबॉडी कॉकटेल उपलब्ध कराती है तो क्या कोविड-19 के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा टोसिलिजुमैब की मांग कम होगी।

दरअसल टोसिलिजुमैब की आपूर्ति कम हो गई है और हाल ही में रोचे की एंटीबॉडी कॉकटेल यानी दो दवाओं के मिश्रण को भारत में कोरोना वायरस मरीजों के इलाज में इस्तेमाल की आपात मंजूरी दी गई है।

अदालत ने केंद्र से यह भी पूछा कि टोसिलिजुमैब की मांग को कम करने के लिए एंटीबॉडी कॉकटेल की कितनी मात्रा की आवश्यकता होगी।

भारत में टोसिलिजुमैब की आपूर्ति करने वाली रोचे इंडिया ने अदालत को बताया कि वह केवल दवा की आपूर्ति करने की कोशिश कर सकती है और इसके लिए बाजार की मांग पूरी करने का आश्वासन नहीं दे सकती जबकि मरीज इसकी कीमत देने के लिए तैयार हैं। इसके बाद न्यायाधीश प्रतिभा एम सिंह ने सरकार से यह सवाल पूछा।

अदालत ने कहा कि रोचे ने विशिष्ट निर्देशों के बावजूद उसे दवा के वैश्विक उत्पादन आंकड़े उपलब्ध नहीं कराए।

रोचे ने टोसिलिजुमैब की आपूर्ति न करा पाने के लिए एक अन्य वजह यह बताई कि कैसिरिविमैब और इम्डेविमैब दवा का एंटीबॉडी कॉकटेल ‘‘कोविड-19 के मरीजों के इलाज के लिए बेहतर हो सकता है।’’

दवा कंपनी ने अदालत को बताया कि अब उसका ध्यान एंटीबॉडी कॉकटेल की आपूर्ति करने पर है और मई के अंत तक भारत को 1,00,000 दवाएं भेजने की संभावना है।

अदालत ने केंद्र से पूछा कि वह इस दवा कंपनी या इसके वैश्विक उत्पादकों से दवा कैसे हासिल करेगी। उसने यह भी पूछा कि दो भारतीय कंपनियों द्वारा टोसिलिजुमैब के तीसरे चरण के परीक्षण के नतीजे कब तक आने की उम्मीद है।

उसने केंद्र से मामले पर 27 मई को अगली सुनवाई से दो दिन पहले सवालों का जवाब देते हुए एक हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *