हाथ में कटोरा ले कांग्रेसी पार्षदों ने महापौर से मांगी फण्ड राशि
नई दिल्ली, 25 जुलाई (सक्षम भारत)।
-पार्षदों को मिलेंगे 25-25 लाख रुपए
फण्ड न मिलने के कारण उत्तरी दिल्ली नगर निगम के तहत आने वाले विभिन्न वार्डो में विकास कार्य न करा पाने से परेशान कांग्रेसी पार्षदों ने गुरूवार को निगम सदन में महापौर के समक्ष जाकर कटोरा हाथ में ले फण्ड राशि मुहैया कराने की मांग की। पार्षदों का कहना था कि सदन में पक्ष-विपक्ष के सदस्य ट्रांसफर-पोस्टिंग एवं निजी हित के संबंध में अपनी बात करते हैं लेकिन जनहित से जुड़े विषयों पर गंभीरता से चर्चा नहीं करते। सदन में निगमायुक्त की पार्षदों के प्रति बेरूखी को लेकर पार्षदों ने खासा विरोध जताया। उत्तरी दिल्ली नगर निगम की आम सभा में बृहस्पतिवार को निगम सदन में कांग्रेस दल नेता मुकेश गोयल ने पार्षदों को फण्ड राशि न मिलने से अपने वार्डो में विकास कार्य कराने में आ रही दिक्कत का मुद्दा उठाया और सभी कांग्रेसी पार्षदों के साथ हाथ में कटोरा ले महापौर के समक्ष जाकर उनसे फण्ड राशि मुहैया कराने की मांग की। महापौर ने गोयल की मांग मानते हुए अविलंब प्रत्येक पार्षद को 25-25 लाख रूपये और 25 लाख रूपये कुछ समय बाद दिये जाने की घोषणा की। मुकेश गोयल ने निगम सफाई कर्मचारियों को पक्का करने व उन्हें अन्य सुविधाएं मुहैया कराने का मुद्दा उठाते हुए कहा कि ये कर्मचारी हमारी निगम की रीढ़ की हड्डी है और यही लोग बिना कोई कोताही बरते सुबह-सुबह दिल्ली की साफ-सफाई करते हैं इन्हें शीघ्र पक्का किया जाना चाहिए कैशलेस चिकित्सा सुविधा, बकाया ऐरियर, मोबाइल फोन सहित अन्य सुविधाएं मुहैया करायी जानी चाहिए। गोयल ने इस मामले में सत्तारूढ़ भाजपा और आम आदमी पार्टी के नेताओं द्वारा की जा रही राजनीति की कड़ी अलोचना करते हुए कहा कि ऐसे मामलों में राजनीति करना अच्छी बात नहीं है। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री लोगों को तीर्थयात्रा करा श्रवण कुमार बनने, बिजली हॉफ पानी माफ, महिलाओं को फ्री यात्रा करने की बात कर अपने को लोगों का सबसे बड़ा हितैषी होने की बात करते हैं लेकिन इसके पीछे की सच्चाई कुछ और ही है केजरीवाल जी को चाहिए की वो बिना किसी राजनैतिक द्वेष के केन्द्र से निगम को मिलने वाली उसके हिस्से की राशि व अनुदान अविलंब जारी करें ताकि दिल्ली में निगम सुचारू रूप से कार्य कर सके। गोयल ने कहा कि निगम सत्तारूढ़ भाजपा नेताओं को भी अपनी जि मेदारी समझते हुए निगम की आय कैसे बढ़े इसके श्रोत बढ़ाने की तरफ गंभीरता से कार्य करना चाहिए। केवल ब्यानबाजी करने और दूसरों पर दोष मढने से कुछ नहीं होने वाला।