राजनैतिकशिक्षा

घूसखोरी के आरोप में ईडी के 5 अधिकारी हिरासत में

-सनत जैन-

-: ऐजेंसी/सक्षम भारत :-

सीबीआई ने दिल्ली शराब घोटाले के एक मामले में ईडी के 5 अधिकारियों के ऊपर 5 करोड रुपए की घूस लेने के आरोप में मामला दर्ज किया है। सीबीआई ने इस मामले में ईडी के एक सहायक निदेशक और 6 अन्य अधिकारियों के विरुद्ध मामला दर्ज किया है। सीबीआई ने इन सभी दोषी अधिकारियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। हालांकि सीबीआई ने अभी तक गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं की है। जिन अधिकारियों को सीबीआई ने अपनी हिरासत में लिया है। उनके नाम सहायक निदेशक पवन खत्री, ईडी में अपर डिवीजन क्लर्क नीतेश कोहर, एयर इंडिया के सहायक महाप्रबंधक दीपक सांगवान, अमनदीप सिंह ढल, वीरेंद्र पाल सिंह, चार्टर्ड अकाउंटेंट प्रवीण कुमार वत्स तथा क्लेरिज होटल और रिजार्ट के सीईओ विक्रमादित्य को हिरासत में लिया है। सीबीआई के अधिकारी इन सभी आरो‎पियों से जानकारी एक‎त्रित कर रहे हैं। इन सभी के ऊपर 5 करोड रुपए की घूस में लेने का आरोप है। दिल्ली के शराब घोटाले में ईडी के इन अधिकारियों ने अपने पद और प्रभाव का उपयोग करते हुए, दोषियों को बचाने के लिए यह रिश्वत ली थी।
पहली बार ईडी के अधिकारी रिश्वत लेने के मामले में सीबीआई की हिरासत में आए हैं। ईडी के कानून इतने सख्त हैं, कि एक बार इसमें यदि ‎किसी की गिरफ्तारी हो जाती है, तो सालों-साल उनकी इसमें जमानत नहीं होती है। ईडी के अधिकारियों का खौफ इतना ज्यादा हो गया है। लोग गिरफ्तारी से बचने के लिए ईडी के अधिकारियों की हर जायज और नाजायाज बात को मानने के लिए विवश होते हैं। ईडी की ‎गिरफ्तारी में बड़े-बड़े मंत्री और अधिकारी कई महीनों और कई सालों से जेल की सलाखों के पीछे बंद हैं। इसके बाद से ईडी का जबरदस्त भय सभी में व्याप्त है। ईडी के कोप से बचने के लिए न्यायाधीशों, बड़े-बड़े अधिकारियों, बड़े-बड़े राजनेता तथा अपराधी ईडी के नाम से ही थर-थर कांपने लगते हैं। इसी भय का लाभ उठाकर कई राज्यों की सरकारें ‎गिरा दी गई। बड़े पैमाने पर दल-बदल हुए। अब ईडी के अधिकारी बेखोफ होकर वसूली में लग गए हैं। पहली बार सीबीआई ने इस ‎‎रिश्वत मामले का खुलासा किया है। ईडी के अधिकारी रिश्वत के आरोप में सीबीआई की हिरासत में आए हैं। जिसकी प्रतिक्रिया देश भर में बड़े पैमाने पर देखने को ‎मिल रही है।
ईडी के निदेशक संजय मिश्रा 15 सितंबर को सेवानिवृत हो जाएंगे। सरकार उन्हें सीबीआई और ईडी का सीईओ बनाने जा रही है। केंद्र सरकार का यह स्पेशल पद होगा। संजय ‎मिश्रा के निर्देश पर दोनों संस्थाओं के निदेशक काम करेंगे। दोनों संस्थाएं इतनी पावरफुल है। तब एक ही व्यक्ति द्वारा दोनों संस्थाएं संचालित होंगी, तो इसके क्या प‎रिणाम होंगे, सोचने से ही डर लगने लगता है। इसको लेकर देशभर में तरह-तरह की चर्चाए होने लगी हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश को नजर अंदाज करते हुए संजय ‎मिश्रा को सरकार पहले से ज्यादा पावरफुल बना रही है। ईडी का इस समय जो ख़ौफ़ देखने को मिल रहा है। विशेष रूप से न्यायपालिका, कार्यपालिका राजनेताओं, कारोबारियों के बीच में ईडी की जो दहशत बनी है। उसने सभी की बोलती बंद कर दी है। अब यह भी कहा जा रहा है, कि आपातकाल से ज्यादा खौफ ईडी का देश में वर्तमान में बन गया है। ईडी जो चाहे, वह करा सकती है। संजय मिश्रा इस की ‎नियु‎क्ति सरकार ने य‎दि सीईओ के रुप में कर दी तो वह देश के सबसे श‎क्तिशाली अ‎धिकारी होंगे। न्यायपा‎लिका भी ईडी से भयभीत है। अत: सरकार की हां में हां ‎मिलाने के अलावा कोई ‎विकल्प भी नहीं बचा है।

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