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एसकेएम प्रतिनिधिमंडल ने केन्द्रीय कृषि मंत्री तोमर से की मुलाकात, सौंपा ज्ञापन

नई दिल्ली, 20 मार्च (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। किसानों की मांगों को लेकर सोमवार को संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के एक प्रतिनिधिमंडल ने केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर से मुलाकात की है। इस दौरान किसान प्रतिनिधियों ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) सहित दूसरी मांगों को लेकर केन्द्रीय मंत्री को एक ज्ञापन सौंपा है।

कृषि मंत्री से मुलाकात के बाद किसान नेता दर्शन पाल ने कहा कि कुछ अनसुलझे मुद्दे, अधूरी मांगों के लिए बड़े आंदोलन की जरूरत है। अन्य किसान नेताओं ने कहा कि अगर केन्द्र सरकार उनकी मांगो पर अमल नहीं करेगी तो वह पुन: आंदोलन करेंगे।

उल्लेखनीय है कि आज दिल्ली के रामलीला मैदान में किसान महापंचायत का आयोजन किया जा रहा है। यह आयोजन एसकेएम के नेतृत्व में किया जा रहा है। किसानों का आरोप है कि केन्द्र सरकार अपने वादों को भूल चुकी है। इसी लिए किसानों से किए वादों को याद दिलाने के लिए किसान संगठन दिल्ली में एकत्र हुए हैं।

किसान नेताओं का कहना है कि यह महापंचायत केंद्र सरकार से संयुक्त किसान मोर्चा को 09 दिसंबर, 2021 को दिए गए लिखित आश्वासनों को पूरा करने और किसानों द्वारा सामना किए जा रहे लगातार बढ़ते संकट के समाधान के लिए प्रभावी कदम उठाने की मांग कर रहा है।

ये है किसानों की मांग

एसकेएम ने कहा कि वह चाहते हैं कि स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के अनुसार सभी फसलों पर सी2 50 प्रतिशत के फार्मूला के आधार पर एमएसपी पर खरीद की गारंटी के लिए कानून लाएं और लागू किया जाए। एसकेएम ने कई बार स्पष्ट किया है कि केंद्र सरकार द्वारा एमएसपी पर गठित समिति और इसका घोषित एजेंडा किसानों की मांगों के विपरीत है। इस समिति को रद्द कर, एसकेएम के प्रतिनिधियों को शामिल करते हुए किसानों के उचित प्रतिनिधित्व के साथ, सभी फसलों की कानूनी गारंटी के लिए एमएसपी पर एक नई समिति को गठित किया जाए, जैसा कि केंद्र सरकार द्वारा वादा किया गया था।

किसानों के ऋण हों माफ

कृषि में बढ़ती लागत और फसल के लिए लाभकारी मूल्य न मिलने के कारण 80 फीसदी से अधिक किसान कर्ज में डूब चुके हैं और आत्महत्या करने के लिए मजबूर हैं। ऐसी स्थिति में, संयुक्त किसान मोर्चा सभी किसानों के लिए कर्ज मुक्ति और उर्वरकों सहित लागत कीमतों में कमी की मांग करता है।

बिजली संशोधन विधेयक, 2022 को वापस ले सरकार

एसकेएम का कहना है कि किसान चाहते हैं कि संयुक्त संसदीय समिति को विचारार्थ भेजे गए बिजली संशोधन विधेयक, 2022 को वापस लिया जाए। केंद्र सरकार ने एसकेएम को लिखित आश्वासन दिया था कि मोर्चा के साथ विमर्श के बाद ही विधेयक को संसद में पेश किया जाएगा। लेकिन इसके बावजूद सरकार ने इसे बिना किसी चर्चा के संसद में पेश कर दिया। संयुक्त किसान मोर्चा कृषि के लिए मुफ्त बिजली और ग्रामीण परिवारों के लिए 300 यूनिट बिजली की मांग को फिर दोहराता है।

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को कैबिनेट से बाहर करे सरकार

किसान संगठनों की मांग है कि लखिमपुर खीरी जिले के तिकोनिया में चार किसानों और एक पत्रकार की हत्या के मुख्य साजिशकर्ता केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को कैबिनेट से बाहर किया जाए और गिरफ्तार कर जेल भेजा जाए। किसान आंदोलन के दौरान और लखिमपुर खीरी में शहीद और घायल हुए किसानों के परिवारों को मुआवजा और पुनर्वास प्रदान करने के वादे को सरकार पूरा करे।

व्यापक और प्रभावी फसल बीमा और मुआवजा पैकेज को लागू करे सरकार

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को रद्द कर, बाढ़, सुखा, ओलावृष्टि, असामयिक अत्यधिक बारिश, फसल संबंधित बीमारियां, जंगली जानवर, आवारा पशु के कारण किसानों द्वारा लगातार सामना किए जा रहे नुकसान की भरपाई के लिए सरकार सभी फसलों के लिए सार्वभौमिक, व्यापक और प्रभावी फसल बीमा और मुआवजा पैकेज को लागू करे। नुकसान का आकलन व्यक्तिगत भूखंडों के आधार पर किया जाना चाहिए।

किसान पेंशन योजना तुरंत लागू हो

एसकेएम ने मांग की है कि सभी किसानों और खेत-मजदूरों के लिए 5,000 रुपया प्रति माह की किसान पेंशन योजना को तुरंत लागू किया जाए। किसान आंदोलन के दौरान भाजपा शासित राज्यों और अन्य राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों में किसानों के खिलाफ दर्ज किए गए फर्जी मामले तुरंत वापस लिए जाए। सिंघु मोर्चा पर शहीद किसानों के लिए एक स्मारक के निर्माण के लिए भूमि आवंटन किया जाए।

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