राजनैतिकशिक्षा

घर का सपना पूरा करेगी शिवराज सरकार

-निलय श्रीवास्तव-

-: ऐजेंसी/सक्षम भारत :-

यह बदलाव का दौर है। मध्यप्रदेश के कमजोर तबके के लोगों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए सरकार अनेक कार्यक्रम बनाकर उन्हें मूर्तरुप दे रही है। उद्देश्य साफ है कि यह ऐसी श्रृंखला है जिससे मध्यप्रदेश के हर वर्ग का प्रत्येक व्यक्ति समृद्धशाली तथा आत्मनिर्भर बन सके। सभी जानते हैं कि एक बड़ा तबका ऐसा है जिसके पास खुद का मकान नहीं है और वह खुले आसमान के नीचे जीवन बसर करने को विवश रहता है। गरीब तबके की इस परेशानी को मध्यप्रदेश सरकार ने भलिभांति समझा और प्रदेश के मुखिया जरूरतमंदो को छत दिलाने के प्रयास में जुट गए। उनके प्रयासों का ही सुखद परिणाम यह निकला कि मिशन की शुरुआत भोपाल के समीप नीलबढ़ क्षेत्र से हो गयी। वहाँ कब्जाधारियों से 23 हजार एकड़ जमीन मुक्त करवाकर गरीबों के लिए मकान बनाकर देने की बात सामने आयी। नीलबढ़ की तरह प्रदेश के अन्य स्थानों पर ऐसे अभियान चलाये जाने की आज नितांत आवश्यकता है। विगत् 4 जनवरी को मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ जिले में एक और पहल हुई जब सरकार ने 10 हजार 918 जरूरतमंद लोगों को 129 करोड़ 37 लाख रूपयों के भूखण्डों पर प्रधानमंत्री आवास योजना और मुख्यमंत्री जन आवास योजना के अंतर्गत पक्के मकान बनाकर देने की बात कही। यह मध्यप्रदेश सरकार की संवेदनशीलता है। मध्यप्रदेश की आबादी का एक बड़ा हिस्सा प्रधानमंत्री आवास जैसी योजनाओं के कारण खुली छत से मुक्त तो हो गया है लेकिन अभी भी ऐसे लोगों की संख्या बहुतायत है जिन्हें सिर पर छत नसीब नहीं है। प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ देश भर को मिल रहा है। यह योजना पूरे देश में लोकप्रिय हो गयी है। स्मरण रहे कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आव्हान पर पूर्व में भी अनेक जनकल्याणकारी कार्यक्रम चलाकर जनहित में उल्लेखनीय कार्य किये गए हैं। मानव कल्याण को सर्वोपरि मानकर सभी वर्गों को एक दृष्टि से देखकर लिये गए हर एक फैसले देश में खुशहाल माहौल निर्मित करते हैं। देश में कई ऐसे लोग हैं जो आज के समय में भी झुग्गीझोपड़ियों में रहकर अपना जीवनयापन कर रहे हैं। उन लोगों की आर्थिक स्थिति खराब होने की वजह से उन्हें मजबूरन अपनी जिदंगी सड़कों के किनारे काटनी पड़ती है। इन सभी लोगों के पास पैसे न हो पाने की वजह से ये अपना घर बनाने में सक्षम नहीं हो पाते। ऐसे लोगों के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 25 जून 2015 को प्रधानमंत्री आवास योजना की शुरुआत की गई थी। योजना के तहत् गांव और शहरों के क्षेत्रों में जो गरीब लोग कच्चे मकान में अपना गुजारा कर रहे हैं ऐेसे नागरिकों को पक्के मकान उपलब्ध कराने की दृष्टि से सरकार ने यह योजना चलाई है।
प्रधानमंत्री आवास योजना या हाउसिंग फॉर आल योजना सेंट्रल गवर्नमेंट द्वारा चलाई जाने वाली योजना हैं। इस योजना का उद्देश्य भारत में गरीब व्यक्ति को अपना स्वयं का पक्का घर उपलब्ध कराना है। यह हमारी केंद्र सरकार द्वारा चलाई जाने वाली एक ऐसी योजना है जिसे साल 2015 में लांच किया गया था और इसका आगामी उद्देश्य साल 2023 तक भारत में विभिन्न शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 2 करोड़ से अधिक पक्के घर उपलब्ध करवाना है। इस योजना का पहला भाग पिछले वर्ष 2017 में समाप्त हो चुका है और इसका दूसरा भाग शुरू हो चुका है। प्रशासन द्वारा इस योजना को दो भागों में विभाजित किया गया है जिनके नाम क्रमशः प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण और प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी है। सरकार का लक्ष्य 4 करोड़ पक्के मकान बनाने का है। प्रधानमंत्री आवास योजना में अभी तक 1.26 करोड़ पक्के मकान का कार्य पूरा किया जा चुका है। राज्य में जितने भी कमजोर गरीब और निम्नवर्ग के लोग हैं उन सभी को मकान के निर्माण के लिए सरकार 6 लाख तक का लोन प्रदान करेगी। यह लोग 3.6 से 6.50 प्रतिशत सब्सिडी में 20 साल की अवधि पर दिया जाएगा। जिससे नागरिकों को लोन का भुगतान करने के लिए समय मिल जायेगा। प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत सन् 2023 तक सभी पात्र लोगों को स्वयं का घर बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस योजना का संचालन तथा क्रियान्वयन केन्द्र तथा राज्य सरकारें मिलकर कर रही हैं। योजना देश के 669 जिलों में क्रियान्वित की जा रही है।
प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत सरकार बेघर लोगों को तो अपना घर बनाकर दे ही रही है साथ ही उन लोगों को सब्सिडी भी देती है जो लोग लीज पर घर या फ्लेट खरीदते हैं। घर खरीदने और उसके निर्माण के लिए पात्र शहरी गरीबों को होम लोन पर क्रेडिट लिंक सब्सिडी मिलती है। वहीं यदि किसी ने हाल ही में घर या फ्लेट खरीदा है तो अपने घर पर लिये गए ल¨न के लिये लगने वाले ब्याज पर सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी का लाभ ले सकते ंहैं। इससे लागत घट जायेगी और काफी लाभ होगा। यहाँ बता दें कि प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ पहले सिर्फ गरीब लोगों के लिये ही था लेकिन अब होम लोन की रकम बढ़ाकर शहरी इलाकों के गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों को भी इस दायरे में लाया गया है। प्रारम्भ में प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतगर्त होम लोन की रकम 3 से 6 लाख रूपयों तक थी जिस पर ब्याज पर सब्सिडी दी जाती थी। अब इसे बढ़ाकर 18 लाख तक कर दिया गया है। योजना का लाभ लेने के लिये आवेदक की उम्र 18 से 55 साल तक होना चाहिये। मध्यप्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजनांतर्गत कार्य बड़ी तेजी से क्रियान्वित हो रहा है। प्रदेश में आवास निर्माण का काम न केवल तेज गति से हो रहा है बल्कि निर्माण के दौरान गुणवत्ता का भी विशेष ध्यान रखा जा रहा है। पूर्व में जहाँ प्रतिमाह 20 से 25 हजार आवास ही पूर्ण हो पाते थे वे अब 30 से 40 हजार की संख्या तक पहुँच गए हैं। भोपाल में विगत् 22 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मध्यप्रदेश के 4 लाख 51 हजार परिवारों को आवास की सौगात देते हुए वर्चुअल गृह प्रवेश करवाया था।

 

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