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रिमोट वोटिंग मशीन पर राजनीतिक दलों के साथ निर्वाचन आयोग का विचार विमर्श शुरू

नई दिल्ली, 16 जनवरी (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। प्रवासी कामगारों के लिए रिमोट वोटिंग मशीन शुरू करने के प्रस्ताव का विरोध करने के विभिन्न विपक्षी दलों के फैसले के बीच, निर्वाचन आयोग ने सोमवार को राजनीतिक रूप से संवेदनशील इस विषय पर विभिन्न दलों के साथ चर्चा शुरू की।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार की टिप्पणियों के बाद, आयोग राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के समक्ष रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (आरवीएम) का प्रदर्शन करेगा।

रिमोट वोटिंग मशीन के यहां प्रदर्शन के लिए निर्वाचन आयोग ने आठ राष्ट्रीय दलों को और राज्यों के मान्यता प्राप्त 57 दलों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया है।

निर्वाचन आयोग ने कहा है कि सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा विकसित आरवीएम किसी भी तरह से इंटरनेट से जुड़ी नहीं होगी।

पिछले महीने निर्वाचन आयोग ने कहा था कि अगर यह पहल लागू की जाती है, तो प्रवासियों के लिए इससे ‘‘सामाजिक परिवर्तन’’ हो सकता है।

प्रत्येक मशीन के जरिये 72 निर्वाचन क्षेत्रों में रह रहे प्रवासी मतदाता दूरस्थ मतदान केंद्र से अपना वोट डाल सकते हैं।

आरवीएम के उपयोग की अनुमति देने के लिए कानून में आवश्यक बदलाव जैसे मुद्दों पर जनवरी के अंत तक राजनीतिक दलों को अपने विचार लिखित रूप में देने के लिए कहा गया था।

अधिकतर विपक्षी दलों ने रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (आरवीएम) पर चुनाव आयोग के प्रस्ताव का विरोध करने का फैसला किया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने रविवार को कहा था कि यह ‘‘ठोस प्रस्ताव’’ नहीं है बल्कि एक ‘‘ढांचा’’ है।

उन्होंने यह टिप्पणी कांग्रेस द्वारा आयोजित विपक्षी दलों की एक बैठक के बाद की। इस बैठक में जनता दल (यूनाइटेड), शिवसेना, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), नेशनल कांफ्रेंस, झारखंड मुक्ति मोर्चा, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) विदुथलाई चिरुथईगल काची (वीसीके), रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के नेताओं के साथ साथ राज्यसभा के निर्दलीय सदस्य और कांग्रेस के पूर्व नेता कपिल सिब्बल ने भी हिस्सा लिया।

 

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