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अदालतों से व्यक्तिगत स्वतंत्रता के मामलों में जल्द आदेश पारित करने की उम्मीद की जाती है: न्यायालय

नई दिल्ली, 22 जून (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि अदालतों से उम्मीद की जाती है कि वे व्यक्तिगत स्वतंत्रता से संबंधित मामलों में महत्व के अनुसार जल्द से जल्द आदेश पारित करें। शीर्ष अदालत दिल्ली उच्च न्यायालय के दो जून के आदेश के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

न्यायमूर्ति सी.टी. रविकुमार और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की अवकाशकालीन पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता की शिकायत है कि अग्रिम जमानत के लिये उच्च न्यायालय के समक्ष दाखिल उसके आवेदन को 31 अगस्त के लिए सूचीबद्ध कर दिया गया और कोई राहत नहीं दी गई।

पीठ ने याचिका का निपटारा करते हुए कहा, ”यदि मुख्य आवेदन का निर्धारित समय के भीतर किसी कारण निपटारा नहीं किया जा सका है, तो आवेदन में मांगी गई राहत पर इसके गुण-दोष के आधार पर विचार किया जाना चाहिये। तब तक हम याचिकाकर्ता को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत प्रदान करते हैं। ”

उच्च न्यायालय ने दो जून के अपने आदेश में कहा था कि याचिकाकर्ता ने धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश सहित कथित अपराधों के लिए यहां एक थाने में दर्ज मामले में अग्रिम जमानत की मांग की है।

उच्च न्यायालय ने याचिका पर नोटिस जारी किया और राज्य की ओर से पेश वकील ने स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने के लिए समय मांगा। इसके बाद अदालत ने मामले को 31 अगस्त के लिए सूचीबद्ध कर दिया।

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