मोदी ने सौर पार्क, गांधी शांति उद्यान का किया उद्घाटन, समकालीन युग में गांधी की प्रासंगिकता बताई
न्यूयॉर्क, 25 सितंबर (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुतारेस और विश्व के अन्य नेताओं के साथ गांधी सौर पार्क और गांधी शांति उद्यान का यहां संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री मोदी ने रेखांकित किया कि जब दुनिया जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद और भ्रष्टाचार की चुनौतियों से निपट रही है, तो ऐसे में गांधी के सिद्धांत मार्गदर्शक हैं।इस समारोह में संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस और मोदी के अलावा दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जेइ इन, सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सीन लुंग, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, जमैका के प्रधानमंत्री एंड्रयू होलनेस और न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न ने भी मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में 50 किलोवॉट क्षमता वाले गांधी सौर पार्क और गांधी शांति उद्यान के उद्घाटन समारोह में भाग लिया। गांधी की 150वीं जयंती पर मोदी ने लीडरशिप मैर्ट्सः रेलेवेंस ऑफ गांधी इन द कन्टेम्परेरी वर्ल्ड शीर्षक से एक विशेष कार्यक्रम की मेजबानी की। गांधी की 150 जयंती के मौके पर संयुक्त राष्ट्र ने एक विशेष डाक टिकट जारी किया। गांधी सौर पार्क संयुक्त राष्ट्र में अपनी तरह का पहला भारत का एक सांकेतिक प्रयास है जो जलवायु परिवर्तन से निपटने पर बातें करने से आगे बढ़कर काम करने की भारत की इच्छा को रेखांकित करता है। भारत ने करीब 10 लाख डॉलर के योगदान से सौर पैनल उपहार स्वरूप दिए हैं जिन्हें यहां संयुक्त राष्ट्र मुख्यालयों की छत पर लगाया गया है। संयुक्त राष्ट्र के 193 सदस्य देशों में से हरेक के लिए एक-एक पैनल है। गांधी शांति उद्यान एक ऐसी नवोन्मेषी पहल है जिसके तहत न्यूयार्क में भारत के महावाणिज्य दूत, लॉन्ग आइलैंड स्थित एनजीओ शांति फंड और स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ न्यूयॉर्क – ओल्ड वेस्टबरी ने 150 वृक्ष लगाने के लिए एक समझौता किया है। मोदी ने कार्यक्रम में भाषण देते हुए 20वीं सदी में मनुष्य की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए राष्ट्रपिता के योगदान, सर्वोदय एवं अंत्योदय पर उनके बल देने और जलवायु परिवर्तन से जुड़ी चिंताओं पर जोर दिया। मोदी ने कहा कि जनभागीदारी, नैतिक उद्देश्यों, जन आंदोलनों एवं व्यक्तिगत जिम्मेदारी में महात्मा गांधी का भरोसा समकालीन युग में अत्यंत प्रासंगिक हैं। उन्होंने कहा कि हिंसक संघर्ष, आतंकवाद, आर्थिक असमानता, सामाजिक-आर्थिक पिछड़ापन, महामारियां और जलवायु परिवर्तन के बढ़ते मौजूदा खतरे लोगों, देशों और समाज को प्रभावित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन समस्याओं को सुलझाने के लिए नेतृत्व सबसे अहम है और नेतृत्व को जागरुक करने के लिए गांधी के मूल्य नैतिक मार्गदर्शक का काम करते हैं। मोदी ने बताया कि जब वह कुछ साल पहले ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ से मिले थे, तब उन्होंने खादी से बना एक छोटा रुमाल बड़े ही भावुक होकर उन्हें दिखाया था, जो कि उनके विवाह के मौके पर गांधी ने उन्हें भेंटस्वरूप दिया था। गुतारेस ने इस मौके पर कहा, गांधी जी की सोच और उनका फलसफा संयुक्त राष्ट्र के कार्य के स्तम्भ हैं। सभी चीजों के बीच एकता और आपस में संबंध को देखने की उनकी क्षमता उनकी काबिलियत का हिस्सा है। उनकी राजनीतिक उपलब्धियों में ऐसे आंदोलन का नेतृत्व करना शामिल है जिसने शांति, प्रेम और सत्यनिष्ठा के प्रयोग से भारत में औपनिवेशिक शासन को समाप्त किया। उन्होंने मानवाधिकारों और सतत विकास की बात करके राजनीति से भी परे की अपनी सोच दर्शायी। संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने कहा कि गांधी ने अछूत समझे जाने वाले और निचली जाति के लोगों की ओर से जो प्रयास किए, उनसे हमें, सभी को साथ लेकर चलने के अपने प्रयासों में प्रेरणा लेनी चाहिए। गांधी ने अछूत समझे जाने वाले लोगों को हरिजन नाम दिया। उन्होंने कहा, गांधी ने दुनिया को सबसे निचले तबके की दृष्टि से देखा लेकिन उन्हें दुनिया के सबसे महान नेताओं में से एक माना जाता है। उनके मूल्य सीमाओं से परे हैं। गुतारेस ने कहा, हमने इस मौके पर गांधी के सम्मान में संयुक्त राष्ट्र की डाक टिकट जारी की है। हम 100 से अधिक देशों के समूह में जुड़ गए हैं जिन्होंने इस वैश्विक नेता के लिए डाक टिकट जारी किए हैं या वे ऐसा करने की योजना बना रहे हैं। हसीना ने कहा कि उनके पिता एवं बंगबंधु शेख मुजिबुर रहमान ने नेतृत्व संभालने के अपने शुरुआती चरण में गांधी से प्रेरणा ली। अर्डर्न ने कहा कि उन्हें गांधी के बारे में तब पता चला था, जब वह स्कूल में पढ़ती थीं। उन्हें गांधी के डांडी मार्च और विश्वभर में युवाओं द्वारा जलवायु परिवर्तन के खिलाफ निकाले जा रहे मार्च में समानता नजर आती है। उन्होंने कहा, मेरा मानना है कि गांधी की विरासत हमेशा की तरह आज भी प्रासंगिक है।