खेल

36वें राष्ट्रीय खेलों का समापन, सर्विसेज को मिली सर्वश्रेष्ठ टीम के लिए राजा भलींद्र सिंह ट्रॉफी

-केरल के साजन प्रकाश और कर्नाटक की हशिका रामचंद्रा बने बेस्ट एथलीट

सूरत, 13 अक्टूबर (ऐजेंसी/अशोका एक्स्प्रेस)। 36वें नेशनल गेम्स की समाप्ति स्थानीय पंडित दीनदयाल उपाध्याय इंडोर स्टेडियम में खेलों का समापन हो गया। सर्विसेज को सबसे बेस्ट टीम चुनी गई, जबकि केरल के साजन प्रकाश और कर्नाटक की हशिका रामचंद्र को बेस्ट एथलीट चुना गया। अगला नेशनल गेम्स गोवा में आयोजित होगा।

सात साल बाद आयोजित हुए इस नेशनल गेम्स का गुजरात सरकार ने आखिरी समय में मेजबानी करने का फैसला लिया था। तैयारी के लिए केवल सौ दिन का समय मिलने के बावजूद गुजरात सरकार से सफलतापूर्वक खेलों का आयोजन किया है। इस आयोजन में भारत के 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के आठ हजार से अधिक एथलीट्स ने हिस्सा लिया था। जुड़ेगा इंडिया-जीतेगा इंडिया के नारे के साथ 36 प्रकार के खेलों में एथलीट्स ने हिस्सा लिया।

समापन पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने राजा भलींद्र सिंह ट्रॉफी सर्विसेज को सौंपी। सर्विसेज ने लगातार चौथी बार इस पर अपना कब्जा किया है। सर्विसेज ने 61 स्वर्ण, 35 रजत और 32 कांस्य पदक अपने नाम किए। महाराष्ट्र ने पदक तालिका में दूसरा स्थान पाकर इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन की बेस्ट स्टेट ट्रॉफी उठाई। महाराष्ट्र ने इस गेम्स में सबसे अधिक पदक जीते।

गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र भाई पटेल ने साजन प्रकाश को बेस्ट पुरुष एथलीट का अवार्ड दिया, जिन्होंने पांच स्वर्ण, दो रजत और एक कांस्य पदक अपने नाम किया। श्रीहरि नटराज ने पांच स्वर्ण और दो रजत जीते थे। 2015 में भी प्रकाश ने यह अवार्ड अपने नाम किया था। कर्नाटक की 14 साल की हशिका रामचंद्रा को बेस्ट महिला एथलीट का अवार्ड मिला। हशिका ने छह स्वर्ण और एक कांस्य पदक जीता है। उन्हें लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने अवार्ड प्रदान किया। गुजरात के 10 साल के शौर्यजीत खैरे ने मल्लखंभ में पदक हासिल किया था और वह इस गेम्स में पदक जीतने वाले सबसे युवा एथलीट बने।

आईआईटी गांधीनगर में आयोजित ट्रैक एंड फील्ड इवेंट्स में 38 और राजकोट में आयोजित एक्वेटिक्स इवेंट्स में 36 राष्ट्रीय खेलों के रिकॉर्ड टूट गए। तमिलनाडु की रोजी मीना पॉलराज (महिला पॉल वॉल्ट) और एन. अजित (भारोत्तोलन पुरुषों की 73 किग्रा क्लीन एंड जर्क), सर्विसेज के शिव सुब्रमण्यम (पुरुष पोल वॉल्ट), यूपी के राम बाबू (पुरुषों की 35 किमी रेस वॉक) और अरुणाचल प्रदेश के सैम्बो लापुंग (पुरुषों की 96 किग्रा भारोत्तोलन- क्लीन एंड जर्क) राष्ट्रीय रिकॉर्ड भी तोड़ने वाले कुछ एथलीटों में से एक हैं।

महाराष्ट्र और हरियाणा के बीच खेल महाशक्ति बनने का संघर्ष चलता रहा और इसमें महाराष्ट्र ने 39 स्वर्ण, 38 रजत और 63 कांस्य के साथ दूसरा नम्बर हासिल किया। हरियाणा (38 स्वर्ण, 38 रजत, 39 कांस्य) को तालिका में तीसरे स्थान से संतोष करना पड़ा। कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल ने पदक तालिका में क्रमश: चौथा, पांचवां और छठा स्थान हासिल किया। मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और मणिपुर प्रत्येक का अभियान 20-20 स्वर्ण के साथ समाप्त हुआ। मेजबान गुजरात ने भी राष्ट्रीय खेलों के इतिहास में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। उसने , कुल 49 पदक जीते जिनमें 13 स्वर्ण, 15 रजत और 21 कांस्य पदक शामिल हैं। मेजबान टीम ओवरआल स्टैंडिंग में 12 वें स्थान पर रही।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि जब वे गुजरात आते हैं तो वहां एक तरह की ऊर्जा होती है, जिसे तुरंत महसूस किया जा सकता है। धनखड़ ने कहा, “मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि आप सभी गुजरात की मीठी यादों को घर ले जाएंगे।“ उन्होंने राष्ट्र निर्माण में खेल की शक्ति का जिक्र करते हुए कहा कि राष्ट्रीय खेलों में कई रिकॉर्ड तोड़े गए, लेकिन कोई दिल नहीं तोड़ा गया है। उपराष्ट्रपति ने यह भी विश्वास व्यक्त किया कि देश जल्द ही ओलंपिक की मेजबानी करेगा।

गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र भाई पटेल ने कहा कि खेल राज्य के साथ-साथ देश में भी जीवन का एक तरीका बनने लगा है। मुख्यमंत्री ने कहा, “हमारी नई खेल नीति से राज्य के एथलीटों को उच्च लक्ष्य हासिल करने में मदद मिलेगी। एथलीटों के कौशल को विकसित करने के लिए, हमने स्वर्णिम गुजरात खेल विश्वविद्यालय भी शुरू किया है और मुझे उम्मीद है कि विश्वविद्यालय ओलंपिक एथलीट बनाने में मदद करेगा।

भारतीय ओलंपिक संघ के सचिव राजीव मेहता ने कहा कि गुजरात ने सिर्फ 90 दिनों में राष्ट्रीय खेलों का आयोजन कर एक नया मानक स्थापित किया है। मेहता ने कहा यह उन राज्यों के लिए एक उदाहरण होना चाहिए जो भविष्य में इसका आयोजन करेंगे। राष्ट्रीय खेलों का झंडा 2023 संस्करण के मेजबान गोवा के खेल मंत्री गोविंद गौडे के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल को सौंपा गया। 8,500 लोगों ने राष्ट्रीय खेलों में हिस्सा लिया, जिनमें आईओए के अधिकारी, राष्ट्रीय खेल संघ और राज्य संघ, भारतीय खेल प्राधिकरण, शेफ डी मिशन, प्रतियोगिता प्रबंधक, शीर्ष एथलीट, मीडियाकर्मी और अन्य राष्ट्रीय खेल प्रतिभागी शामिल थे।

 

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