एक सीमा के बाद इस बात अधिक चिंता न करें कि कश्मीर पर लोग क्या कहेंगे: जयशंकर
नई दिल्ली, 17 सितंबर (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि एक सीमा के बाद इस बात की चिंता करने की जरूरत नहीं है कि कश्मीर पर लोग क्या कहेंगे। उन्होंने जोर दिया कि अपने आंतरिक मामलों में भारत की स्थिति मजबूत रही है और मजबूत रहेगी। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में विदेश मंत्री के तौर पर कार्यभार संभालने के बाद अपने पहले संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए जयशंकर ने अपने मंत्रालय के कामकाज के 100 दिनों की उपलब्धियां भी गिनायीं। विदेश मंत्री ने कहा कि 1972 के बाद से भारत की स्थिति स्पष्ट है और इसमें कोई बदलाव नहीं आने वाला है। उन्होंने कहा, एक सीमा के बाद इस बात की चिंता करने की जरूरत नहीं है कि कश्मीर पर लोग क्या कहेंगे। मेरा रुख 1972 के बाद से स्पष्ट है और मेरे रूख में बदलाव नहीं आने वाला है। अंततः यह मेरा मुद्दा है और मेरा रूख मजबूत रहा है और मजबूत रहेगा। विदेश मंत्री से पाकिस्तान द्वारा कश्मीर मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण करने के प्रयास और कश्मीर में मानवाधिकारों के विषय को कुछ विदेशी नेताओं द्वारा उठाने के बारे में पूछा गया था। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि देश अपनी छवि बनाते हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अफगानिस्तान को लेकर की गई उस टिप्पणी को भी याद किया जिसमें उन्होंने कहा था कि यह सूचना प्रौद्योगिकी बनाम अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद का विषय है और किस प्रकार से दो आईटी के अलग-अलग माने हैं। एक का संदर्भ भारत से है जो आईटी पेशेवरों के संबंध में है जबकि दूसरा पाकिस्तान के संदर्भ में है। पाकिस्तान पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए एस जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि भारत पड़ोस प्रथम की नीति को आगे बढ़ा रहा है लेकिन उसके समक्ष एक पड़ोसी की अलग तरह की चुनौतीहै जिसे सामान्य व्यवहार करने और सीमापार आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने की जरूरत है। जयशंकर ने यह भी कहा कि सीमा पार से होने वाले आतंकवाद, अनुच्छेद 370 को हटाये जाने जैसे मुद्दे पर भारत के पक्ष से वैश्विक जगत को अवगत कराया गया। उन्होंने कहा, अपने आंतरिक मामलों में भारत की स्थिति मजबूत रही है और मजबूत रहेगी।