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आरएमएल अस्पताल में मरीजों को सुनाया जा रहा है महामृत्युंजय मंत्र

नई दिल्ली, 12 सितंबर (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। देश में पहली बार महामृत्युंजय मंत्र जाप को लेकर एक शोध हो रहा है. यह शोध राम मनोहर लोहिया अस्पताल (आरएमएल) के आईसीयू में भर्ती मरीजों पर किया जा रहा है. इस शोध के लिए अस्पताल के उन 40 मरीजों को चिह्नित किया गया है जिनको सिर पर चोट के चलते भर्ती किया गया है और उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है. इस पूरे मामले में खास बात यह रही कि पूरी प्रक्रिया से पहले संस्कृत विद्यापीठ से आए पंडितों ने मरीजों को अस्पताल में ही संकल्प दिलवाया. इसके बाद मरीजों को विद्यापीठ ले जाकर मंत्र सुनाए गए.

जानकारी के अनुसार यह शोध अंतिम चरण में है. 40 मरीजों में से 20 मरीजों को विद्यापीठ ले जाकर मंत्र सुनाए गए हैं. अब डॉक्टर इस शोध के परिणामों को अंतिम रूप देने में जुटे हैं. आगामी दो महीनों में यदि मंत्र का प्रभाव दिखता है तो इसे अंतरराष्ट्रीय न्यूरो सर्जरी जर्नल में भी प्रकाशित किया जाएगा. आरएमएल हॉस्पिटल के न्यूरो सर्जरी विभाग के डॉक्टर अजय चैधरी ने बताया कि तीन साल से इस पर शोध चल रहा है और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद इसके लिए आर्थिक मदद भी दे रही है.

डॉ. चैधरी ने बताया कि शोध करने के लिए मरीजों के दो ग्रुप बनाए गए. इनमें 20-20 मरीजों को रखा गया. पहले 20 मरीजों को मंत्र सुनाने से पहले संकल्प भी दिलवाया गया. इसका कारण था कि डॉक्टर पूरे नियमों के साथ ही इस प्रक्रिया को पूरा करना चाहते थे. उन्होंने बताया कि भारतीय समाज में महामृत्युंजय जाप को लेकर काफी श्रद्धा है, लेकिन वैज्ञानिक स्तर पर इसके प्रभाव जानने के लिए यह शोध किया जा रहा है.

जानकारी के अनुसार अभी तक इस शोध में काफी अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं. यदि शोध पूरी तरह से सफल रहता है तो आने वाले समय में यह दुनिया भर के चिकित्सकीय क्षेत्र में इतिहास बना सकता है. ऐसा ही एक शोध जापान के एक डॉक्टर ने भारत में व्रत रखने की परंपरा पर किया था. उन्होंने यह साबित किया था कि इससे कैंसर सेल्स भी एक्टिव कम होते हैं और यह कई रोगों को रोकने में सक्षम है.

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