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दिल्ली के मध्य रिज में पारिस्थितिकी बहाल करने के लिए प्रायोगिक परियोजना शुरू

नई दिल्ली, 27 अप्रैल (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बुधवार को मध्य रिज क्षेत्र में पारिस्थितिकी बहाल करने के लिए एक प्रायोगिक परियोजना शुरू की। इसके तहत तेज़ी से फैलने वाले पेड़ ‘विलायती किकर’ के स्थान पर स्वदेशी प्रजातियों के पेड़-पौधे लगाए जाएंगे।

मध्य रिज 864 से ज्यादा हेक्टेयर में फैला हुआ है और पिछले साल घोषित योजना के मुताबिक, पांच साल में इसके 423 हेक्टेयर को बहाल किया जाएगा।

राय ने पत्रकारों से कहा, ‘‘ ‘विलायती किकर’ पेड़ दिल्ली के 7500 हेक्टेयर में फैल गए हैं जो राजधानी के पर्यावरण के अनुकूल नहीं हैं। हमने आज मध्य रिज में 10 हेक्टेयर से पेड़ की इस प्रजाति को हटाने की प्रायोगिक परियोजना शुरू की है।”

सरकार ने पिछले साल मार्च में परियोजना की प्रगति की निगरानी और जमीन पर समयबद्ध और प्रभावी अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए छह सदस्यीय सलाहकार समिति का गठन किया था।

वन विभाग ‘विलायती किकर’ को हटाने की योजना बना रहा है, जो अन्य प्रजातियों को पनपने नहीं देता है और पानी के स्तर में कमी करता है। इसकी जगह देसी पेड़, झाड़ियां और घास लगाई जाएगी जो रिज की मिट्टी के अनुकूल हो।

रिज क्षेत्र चार जोन में विभाजित है, जिनमें दक्षिण, दक्षिण-मध्य, मध्य और उत्तर शामिल हैं।

 

 

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