राजनैतिकशिक्षा

कोरोना समापन की ओर

-: ऐजेंसी सक्षम भारत :-

भारत में कोरोना वायरस के 756 दिनों के बाद यह रुझान सामने आया है। यह सुकून और राहत देने वाला है, क्योंकि ज्यादातर बंदिशें टूट रही हैं। आप मास्क मत उतारें, अलबत्ता कुछ ढील बरत सकते हैं। एक लंबे अंतराल के बाद स्कूल, कॉलेज, बाज़ार, रेस्तरां, बार, जिम, स्पा, स्टेडियम और विवाह सभागार आदि खुल गए हैं। उद्योग और फैक्ट्रियां चलने लगे हैं। रोज़गार के अवसर पैदा होने लगे हैं। अर्थव्यवस्था के संकेत सकारात्मक मिल रहे हैं। यह सब इसलिए है कि कोरोना वायरस समापन की ओेर है। विषाणु का ज़हरीला प्रभाव कुंद पड़ चुका है। टीकाकरण का सामूहिक प्रभाव मानें या व्यापक स्तर पर संक्रमण फैलने के बाद औसत व्यक्ति में एंटीबॉडी का निर्माण मानें अथवा वायरस का अस्तित्व ही इतना मानें, कोरोना महामारी समाप्तप्रायः है। उसकी जो पूंछ बची है, उसका उपचार जारी है। देश में अरुणाचल प्रदेश ऐसा प्रथम राज्य है, जो घोषित तौर पर कोरोना-मुक्त हो चुका है। मार्च 15 के बाद वहां एक भी संक्रमित मामला सामने नहीं आया है या दर्ज नहीं किया गया है। ऐसे लक्षण कुछ और राज्यों में भी दिखाई दिए हैं। करीब 140 करोड़ की आबादी वाले देश में 21-27 मार्च, 2022 वाले सप्ताह में कुल 11,400 संक्रमित केस दर्ज किए गए हैं। कोरोना के केस करीब 28 फीसदी घटे हैं। यह आंकड़ा 20-26 अप्रैल, 2020 के बाद सबसे कम है।

यह लगातार 9वां सप्ताह है, जब संक्रमित मामले घट रहे हैं। बीते सप्ताह के दौरान मौतें भी 97 हुई हैं। 30 मार्च-5 अप्रैल, 2020 वाले सप्ताह में 100 से कम कोरोना मौतें हुई थीं। तब देश में संपूर्ण लॉकडाउन लागू हो चुका था। अब 24 घंटे में मौतों का आंकड़ा ईकाई में आ चुका है। यानी बीते रविवार को मात्र 8 मौतें दर्ज की गई हैं। हमने मौतांे का जो पुराना आंकड़ा छूट गया था, उसे नहीं गिना है। यदि उसे भी जोड़ लें, तो संख्या खतरनाक स्तर तक नहीं पहुंचती। हालांकि कोरोना संक्रमण के कारण कुल 5.21 लाख से अधिक मौतें हुई हैं। अब संक्रमण दर मात्र 0.27 फीसदी है। देश के हरेक राज्य और संघशासित क्षेत्र में कोरोना केस नगण्य श्रेणी में हैं। तीसरी लहर का संक्रमण समाप्त हो चुका है। चौथी लहर के फिलहाल कोई आसार नहीं हैं, क्योंकि कोरोना वायरस की कोई नई नस्ल सामने नहीं आई है, जो व्यापक स्तर पर संक्रमण फैलाने में सक्षम हो। कोरोना के संक्रमित मामले जिन विदेशों में तेजी से बढ़ रहे थे, अब उसी गति से लगातार घट रहे हैं। हमारे देश में टीकाकरण भी बेहद सफल और अनवरत रहा है। करीब 82 फीसदी आबादी को टीके की दोनों खुराकें दी जा चुकी हैं, जबकि करीब 96 फीसदी आबादी कमोबेश एक खुराक जरूर ले चुकी है। यही नहीं, करीब 2.26 करोड़ बुजुर्गों (60 साल की उम्र से ज्यादा) को तीसरी खुराक (प्रिकॉशन डोज) तक दी जा चुकी है। बच्चों में भी यह अभियान लगातार जारी है।

यकीनन कोरोना महामारी के खिलाफ लंबी लड़ाई में अंतिम विजय मानवता की हुई है, लेकिन अब भी हमें लापरवाह नहीं होना है। आप खूब सक्रिय रहें और देश की आर्थिकी को मजबूत करने में योगदान दें, लेकिन मास्क अब भी पहनें। कुछ सामाजिक दूरी का भी निर्वाह कर सकें, तो बेहतर रहेगा। स्वच्छता का भी ध्यान रखें। तालाबंदी के काले और अमानवीय अतीत को भूल जाएं, क्योंकि एक मजबूत सुरक्षा-कवच टीकाकरण ने आपको मुहैया कराया है। यह सुखद है कि आंध्रप्रदेश, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल, हरियाणा, तेलंगाना, गुजरात, कर्नाटक, दिल्ली, केरल और उप्र आदि राज्यों में 100 फीसदी टीकाकरण किया जा चुका है। कुछ राज्य इस पूर्ण सफलता के कगार पर हैं। बेशक यह राष्ट्रीय उपलब्धि है। कुछ चिकित्सा विशेषज्ञों का मानना है कि विदेशों में जो तीसरी लहर अब आई हुई है, वह भारत में गुजर चुकी है। इसके अलावा भारत में व्यापक स्तर पर टीकाकरण हो चुका है। इसलिए भारत को चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। ईश्वर करे कि यह संभावना सही सिद्ध हो। इसके बावजूद कोरोना एक ऐसी महामारी है जो बार-बार फैल जाती है। उसके इस स्वभाव को देखते हुए हमें अभी भी सतर्क रहना होगा। कारोबार के लिए हमें भीड़ में जाना पड़ सकता है, लेकिन हम मास्क पहनकर अपना तथा दूसरों का बचाव कर सकते हैं। हाथों तथा चेहरे को बार-बार साबुन से साफ किया जा सकता है अथवा सेनेटाइजर का उपयोग करें। बुजुर्गों को प्रिकॉशन डोज तथा बच्चों को जरूरी खुराकें जल्द से जल्द दी जानी चाहिए। तभी भारत तथा भारतीयों को हम पूरी तरह सुरक्षित मानेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *