व्यापार

रूस.यूक्रेन युद्ध से उर्वरक के दाम बढ़ने की आशंका

नई दिल्लीए 04 मार्च (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध का असर कृषि क्षेत्र पर भी पड़ सकता है। देश में उर्वरक के लिये अब पहले से अधिक कीमत चुकानी पड़ सकती है। उर्वरक के उत्पादन के लिये पोटाश जरूरी होता है और भारत भारी मात्रा में पोटाश का आयात करता है। रूस और बेलारूस पोटाश के सबसे बड़े निर्यातक हैं लेकिन यूक्रेन के साथ जारी युद्ध के कारण पोटाश की आपूर्ति संकट में पड़ गयी है। यूक्रेन भी पोटाश का निर्यात करता है। भारत के कुल उर्वरक आयात का 10 से 12 फीसदी हिस्सा रूसए यूक्रेन और बेलारूस का है।

इस युद्ध से पहले भारत रूस के बंदरगाहों के जरिये बेलारूस का पोटाश लाने की योजना बना रहा थाए लेकिन प्रतिबंधों के कारण यह योजना खटाई में पड़ती दिख रही है। इसके अलावा पोटाश उत्पादन करने वाले अन्य देश जैसे कनाडा अपना उत्पादन बढ़ाने को सहमत नहीं हैं और इसी कारण वैश्विक बाजार में इसके दाम अधिक हैं। उर्वरक की अधिक कीमत के कारण केंद्र सरकार को अधिक अनुदान देना पड़ सकता है। चालू वित्त वर्ष में पोटाश का आयात करीब 280 डॉलर प्रति मिट्रिक टन के दाम पर किया जाता रहा लेकिन आपूर्ति संकट के कारण इसके दाम 500 से 600 डॉलर प्रति मिट्रिक टन हो सकते हैं।

इक्रा के शोध प्रमुख रोहित आहूजा ने कहा कि रूस और बेलारूस पर लगाये गये प्रतिबंध से आपूर्ति संकट बढ़ेगा। किसानों को कम कीमत पर उर्वरक मुहैया कराने के लिये सरकार को अब अधिक अनुदान देना पड़ेगा। क्रिसिल रेटिंग के निदेशक नीतेश जैन ने कहा कि रूस.यूक्रेन युद्ध का उर्वरक आयात पर बहुत असर दिखेगा। भुगतान और लॉजिस्टिक इसके आयात के लिये बाधा बनेंगे। इंडिया रेटिंग एंड रिसर्च की वरिष्ठ विश्लेषक पल्लवी भाटी ने कहा कि रूस उर्वरक का बहुत बड़ा निर्यातक है इसी कारण आयात मूल्य में तेज बढ़ोतरी की पूरी संभावना है। इसके अलावा यूरिया के उत्पादन के लिये जरूरी गैस की कीमतें भी बढ़ी हैंए जिसका असर भी उर्वरक की कीमत पर पड़ेगा।

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *