देश दुनियानई दिल्ली न्यूज़

पूर्वोत्तर व मणिपुर अब भारत के विकास का प्रमुख वाहक होंगे: प्रधानमंत्री मोदी

इंफाल, 04 जनवरी (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मणिपुर के पिछड़ेपन के लिये सीधे-सीधे पिछली सरकारों को दोषी ठहराते हुये मंगलवार को कहा कि पूर्वोत्तर और मणिपुर अब भारत के विकास का वाहक बनेंगे। हालांकि, सत्ता पाने के लिये मणिपुर में अशांति पैदा करने की कोशिश हुयी है, राज्य की जनता ने उनकी पहचान कर ली और उस तरफ ध्यान नहीं दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि वे अब मणिपुर को फिर से अंधेरे में नहीं जाने देंगे।

प्रधानमंत्री ने जनसभा को संबोधित करते हुये कहा कि डबल इंजन सरकार की बदौलत आज मणिपुर को 4,800 करोड़ रुपये से अधिक की 22 विकास परियोजनाओं की सौगात मिली है। उन्होंने मणिपुर के लोगों का धन्यवाद करते हुये कहा कि मणिपुर में ऐसी स्थिर सरकार बनाई जो पूरे बहुमत और दमखम से चल रही है। यह आपके एक वोट के कारण संभव हुआ है।

प्रधानमंत्री ने केंद्र की पिछली कांग्रेस सरकार पर पूर्वोत्तर की उपेक्षा करने को लेकर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पहले पूर्वोत्तर का मतलब था ‘पूर्व की ओर मत देखो’ और केंद्र में पिछली सरकारों ने केवल चुनाव के दौरान इस क्षेत्र को याद किया। पिछली सरकारों ने मणिपुर को अपने दम पर छोड़ दिया था। दिल्ली के लोग सोचते थे कि इतनी दूर-दूर तक कौन जाएगा। लेकिन, प्रधानमंत्री बनने के बाद मैं दिल्ली को आपके दरवाजे तक ले आया हूं।

उन्होंने कहा कि हमने पूर्वोत्तर के लिए ‘एक्ट ईस्ट’ का संकल्प लिया है। ईश्वर ने इस क्षेत्र को अपार प्राकृतिक संसाधन और सामर्थ्य दिये हैं। यहां विकास और पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं। पूर्वोत्तर की इन संभावनाओं पर अब काम हो रहा है। पूर्वोत्तर अब भारत के विकास का गेट-वे बन रहा है। उन्होंने राज्य की जनता को आगाह करते हुये कहा कि सत्ता पाने के लिए कुछ लोग एक बार फिर मणिपुर में ‘अशांति’ पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। मुझे खुशी है कि राज्य के लोग उनकी मंशा को समझ गये। उसपर ध्यान दिया। वे अब मणिपुर को फिर से ‘अंधेरे’ में नहीं जाने देंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज डबल इंजन की सरकार के निरंतर प्रयास की वजह से इस क्षेत्र में उग्रवाद और असुरक्षा की आग नहीं है, बल्कि शांति और विकास की रोशनी है। पूरे पूर्वोत्तर में सैकड़ों नौजवान, हथियार छोड़कर विकास की मुख्यधारा में शामिल हुये हैं। उन्होंने कहा कि जिन समझौतों का दशकों से इंतजार था, हमारी सरकार ने वह ऐतिहासिक समझौते भी करके दिखाये हैं। मणिपुर नाकाबंदी राज्य से इंटरनेशनल ट्रेड के लिए रास्ते देने वाला स्टेट बन गया है।

जनसभा को संबोधित करते हुये प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी का यह दशक मणिपुर के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। पहले की सरकारों ने बहुत समय गंवा दिया। अब हमें एक पल भी नहीं गंवाना है। हमें मणिपुर में स्थिरता भी रखनी है और मणिपुर को विकास की नई ऊंचाई पर भी पहुंचाना है। यह काम डबल इंजन की सरकार ही कर सकती है।

उन्होंने कहा कि हमारी सरकार की सात वर्षों की मेहनत मणिपुर सहित पूरे नॉर्थ ईस्ट में दिख रही है। आज मणिपुर बदलाव का एक नई कार्य-संस्कृति का प्रतीक बन रहा है। यह बदलाव हैं- मणिपुर के संस्कृति के लिए, देखभाल के लिए, इसमें कनेक्टिविटी को भी प्राथमिकता है और रचनात्मकता का भी उतना ही महत्व है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि मणिपुर देश के लिए एक से एक नायाब रत्न देने वाला राज्य रहा है। यहां के युवाओं और विशेषकर मणिपुर की बेटियों ने पूरी दुनिया में भारत का झण्डा उठाया है। गर्व से देश का सिर ऊंचा किया है। आज देश के नौजवान मणिपुर के खिलाड़ियों से प्रेरणा ले रहे हैं।

मणिपुर की स्थापना के स्वर्ण जयंती का उल्लेख करते हुये प्रधानमंत्री ने कहा कि आगामी 21 जनवरी को मणिपुर को राज्य का दर्जा मिले 50 साल पूरे हो जाएंगे। देश इस समय अपनी आजादी के 75 वर्ष पर अमृत महोत्सव भी मना रहा है। यह समय अपने आप में बहुत बड़ी प्रेरणा है।

उन्होंने कहा कि देश के लोगों में आजादी का जो विश्वास यहां मोइरांग की धरती ने पैदा किया है, वह अपने आप में एक मिसाल है। जहां नेताजी सुभाष चंद्र बोस की सेना ने पहली बार झंडा फहराया, जिस नॉर्थ ईस्ट को नेताजी ने भारत की स्वतन्त्रता का प्रवेश द्वार कहा, वह नए भारत के सपने पूरे करने का प्रवेश द्वार बन रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *