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देश का फिनटेक बाजार 2025 तक तीन गुना होकर 6.2 लाख करोड़ रुपये पर पहुंचेगा: कराड

नई दिल्ली, 08 सितंबर (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री भागवत के कराड ने कहा है कि सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों से वित्तीय प्रौद्योगिकी (फिनटेक) क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है।

उन्होंने बुधवार को उद्योग मंडल एसोचैम के एक वर्चुअल कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मूल्य के हिसाब से 2025 तक देश का फिनटेक क्षेत्र तीन गुना होकर 6,20,700 करोड़ रुपये पर पहुंच जाएगा।

उन्होंने कहा कि उभरते बाजारों में भारत वित्तीय प्रौद्योगिकी को अपनाने में सबसे आगे है। मार्च, 2020 तक भारत में वित्तीय प्रौद्योगिकी की स्वीकार्यता की दर 87 प्रतिशत थी, जबकि इसका वैश्विक औसत 64 प्रतिशत था।

कराड ने कहा, ‘‘2019 में भारत का वित्तीय प्रौद्योगिकी बाजार 1,920 अरब रुपये था। 2025 तक इसके 6,207 अरब रुपये पर पहुंचने की उम्मीद है। कुशल श्रमबल की वजह से भारत वित्तीय प्रौद्योगिकी के विकास की दृष्टि से शानदार गंतव्य है।’’

उन्होंने बताया कि डिजिटल लेनदेन में भारत पहले स्थान पर है। भारत में कुल डिजिटल लेनदेन का आंकड़ा 25 अरब को पार कर चुका है।

उन्होंने कहा कि भारत प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत बैंक खातों तक पहुंच, डिजिलॉकर और यूपीआई आदि के जरिये वित्तीय प्रौद्योगिकी के विकास के लिए शानदार पारिस्थितिकी तंत्र उपलब्ध कराता है।

कराड ने कहा कि सरकार एक मजबूत और सुरक्षित प्रौद्योगिकी तंत्र विकसित करने का प्रयास कर रही है। ‘‘हमें भरोसा है कि सार्वजनिक निजी भागीदार से वित्तीय समावेशन बढ़ेगा और सभी भारतीयों को आधुनिक वित्तीय सेवाएं उपलब्ध हो सकेंगी।’’

उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि आधुनिक प्रौद्योगिकी वित्तीय समावेशन के लिए सबसे मजबूत माध्यम है। महामारी के दौरन बटन के एक क्लिक पर खातों में करोड़ों रुपये का स्थानांतरण हुआ।

उन्होंने कहा कि महामारी के दौरान गरीबों तथा समाज के गरीब तबकों के खातों में नकदी हस्तांतरण में वित्तीय समावेशन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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