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महंगाई भत्ते का एरियर मांगेंगे केंद्रीय कर्मचारी, एक बैनर तले रखेंगे सरकार से डिमांड

नई दिल्ली, 03 सितंबर (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। केंद्रीय कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। उनकी महंगाई भत्ते के एरियर की डिमांड अब जोर पकड़ रही है। कई दौर की बातचीत और काफी इंतजार के बाद केंद्रीय कर्मचारियों के एक बड़े संगठन ने डीए एरियर की डिमांड पूरी करवाने का दबाव बनाने के लिए धरना-प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। यह धरना 7 सिंतबर 2021 को पूरे देश में होगा। कन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट इम्प्लाईज एंड वर्कर्स ने कर्मचारियों से अपील की कि वे इस धरने में भाग लें और डीए एरियर की डिमांड पूरी करने के लिए दबाव बनाएं। कन्फेडरेशन के मुताबिक 1 करोड़ से ज्यादा केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों का महंगाई भत्ता (डीए) और महंगाई राहत (डीआर) 1 जनवरी 2020 से 1 जुलाई 2021 तक फ्रीज चल रही थी। सरकार ने अब 1 जुलाई 2021 से डीए और डीआर में बढ़ोतरी को तो हरी झंडी दिखा दी है। लेकिन बीते डेढ़ साल का एरियर देने से मना कर दिया है। इससे सरकारी कर्मचारियों को बड़ा नुकसान हुआ है। उनकी गाढ़ी रकम सरकार के पास रह गई। कन्फेडरेशन के सेक्रेटरी जनरल आरएन पाराशर ने कहा कि यह धरना 7 सितंबर को देश की हर स्टेट कैपिटल में होगा। संगठन के लोग वहां इकट्ठा होकर अपनी डिमांड बुलंद करेंगे। उन्होंने कहा कि डीए और डीआर के एरियर का मुद्दा सरकार को तत्काल हल करना होगा। इसके साथ ही हम सरकार से कोविड-19 को लेकर हुए नुकसान की भरपाई के लिए भी कहेंगे।

कन्फेडरेशन ने सरकार से दूसरी डिमांड भी रखी हैं:
-कोविड से हुई कासुलिटी पर सरकार 15 लाख रुपए का मुआवजा दे।
-कोविड का जिस भी अस्पताल में इलाज हुआ हो, चाहे वह सीजीएचएस लिस्ट में है या नहीं, वहां के इलाज खर्च का प्रतिपूर्ति हो।
-सीजीएचएस डिस्पेंसरी में सभी कर्मचारियों का वैक्सीनेशन कराया जाए।
-अनुकम्पा नियुक्ति के मामले में 5 फीसद की सीलिंग लेकर चला जाए।
-बीएसएनएल के पेंशनरों की 1 जनवरी 2017 से पेंशन बढ़ाई जाए। साथ ही उन्हें मेडिकल बेनिफिट भी दिया जाए।
-एरियर देने से मना कर चुकी है सरकार

राज्यसभा में सरकार ने दिया बयान

बता दें कि अगस्त में मानसून सेशन के दौरान सरकार ने राज्यसभा में बयान दिया था कि जनवरी 2020 से 30 जून 2021 तक की अवधि के लिए कोई बकाया पेमेंट नहीं किया जाएगा। फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने कहा था कि डीए और डीआर को फ्रीज करने का फैसला कोविड -19 के कारण लिया गया था। नेशनल काउंसिल/जेसीएम के कर्मचारी पक्ष के सचिव शिव गोपाल मिश्र ने कहा कि सरकार ने बीते डेढ़ साल का एरियर देने के बारे में कोई बात नहीं की है। यह गलत है।

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