कोरोना फिर से न आये!
-डॉ. भरत मिश्र प्राची-
-: ऐजेंसी सक्षम भारत :-
जब से कोरोना वायरस का उदय विश्व पटल पर हुआ है , इसके भयानक प्रकोप से हर क्षेत्र में इसका खौफ नजर आने लगा है। एक पर एक इसके शिकार होते चले गये। लाशें हर जगह बिछ गई। चार कंधे भी नहीं मिले। श्मशान घाट, कब्रगाह लाशों से इस तरह पट गये जहां विधिवित ढ़ंग से शव संस्कार की प्रक्रिया भी पूरी हो पानी मुश्किल हो गई। कई जगह तो कोरोना के खौफ से लाश को छोड़कर लो भाग गये। कई लाशें दाह संस्कार के बिना हीं नदी में फेंक दी गई। कई जगह कोरोना काल में कोरोना से हुई मृत्यु पर अपनों के शव हीं दाह संस्कार के लियं नहीं मिले तो कहीं अपने ही शव लेने नहीं आये। इस तरह के हालात आज तक नहीं आये जहां अपनो के गुजरने पर अपने हीं दूर होते गये। इससे बड़े पैमाने पर हुई दुर्घटना के बाद भी कुछ लोग ऐसे है जो अभी भी हर जगह लापरवाही करते बेधड़क घूम रहे है। इस तरह की लापरवाही फिर से कोरोना को दावत दे सकती है।
कोरोना फिर से आये नहीं, पग-पग पर सावधानी जरूरी है। इस प्रक्रिया के तहत कोरोना गाइड लाइन की सही ड़ंग से पालन किया जाना बहुत जरूरी है। कोरोना वायरस से बचाव के लिये लगायी जा रही वैकसीन कोविशिल्ड एवं कोवैक्सीन जो भी उपलब्ध हो समय से लगवाकर अपने आप को फिलहाल सुरक्षित किया जा सकता है। वैक्सीन लगा लेने के बाद की गई लापरवाही फिर से कोरोना के मकड़जाल में फंसा सकती है। वैक्सीन कोरोना कवच अवश्य है पर इसको लगाने के बाद भी कोरोना गाइड की पालना एवं सावधानी बरतना बहुत जरूरी है। जिसने इस दिशा में लापरवाही की वैक्सीन लगने के बाद भी कोरोना का शिकार हो गया। इस दशा में दूसरो की नजर में वैक्सीन बेअसरदार रही एवं औरों को गुमराह करने में इस तरह का परिवेश माध्यम भी बना। जिसके कारण कई लोग वैक्सीन लगवाने से मन ही मन डरकर दूर भागने लगे। जिसने इस दिशा में सतर्कता बरती, उसे कुछ नहीं हुआ। इस तरह के परिवेश आम लोगों के बीच कम उजागर हुये। पर कोरोन की दूसरी लहर के बाद स्थितियों में काफी परिवर्तन आया। जो लोग वैक्सीन लगवाने से दूर भागते रहे वे अब वैक्सीन लगवाने के इंतजार में लाइन में खड़े नजर आने लगे है। इस तरह की जागरूकता वैक्सीन लगने के बाद सतर्कता दिशा में आनी चाहिए।
वैक्सीन हर तरह से सुरक्षित है, ये बात वैक्सीन के जानकार बार-बार आम जन को बता चुके है। वैक्सीन लगाने के बाद यदि किसी को कोरोना किसी भी तरह हो भी गया वह गंभीर संकट का शिकार नहीं हुआ बल्कि सहज ढ़ंग एवं परहेज से अपने को बचा लिया। अब आमजन के जेहन में यह बात धीरे-धीरे उतरने लगी है कि कोरोना से बचाव का एक मात्र उपाय टीकाकरण ही है। धीरे -धीरे लोग अब सचेत भी नजर आने लगे है। जिससे कोरोना के फिर से आने की संभावना फिलहाल नहीं के बराबर नजर आ रही है। यह एक शुभ संकेत है। कोरोना के प्रथम चरण के बाद आई लापरवाही के चलते कोरोना कोरोना का दुसरा चरण आया जिसने पहले से कई गुणा ज्यादा तबाही मचा दी। इस तरह के परिवेश ने आम लोगों को जागरूक बना दिया। अब सभी चाहते है कि कोरोना फिर से न आये।
कोरोना फिर से न आये , इसके लिये जरूरी है कि कोरोना कवच वैक्सीन सभी निडर होकर लगवाये। वैक्सीन लगने के बाद भी फिलहाल बिना माक्स पहने घर से बाहर नहीं निकले। बाहर से आते ही हाथ को साबुन से बार-बार धोते रहें। सोशल डिस्टेंसी का पालन करे। घर का बना हुआ शुद्ध भोजन करें। बाहर से आये हुये सामान को अच्छी तरह से गर्मपानी से साफ कर उपयोग में लें। सुबह-सुबह खाली पेट दो ग्लास गुनगुने पानी का उपयेग करे। नियमित सामान्य योगा करें। किसी भी तरह के लक्षण आने पर चिकित्सक की सलाह अवश्य लें। अपने आप चिकित्सक न बने एवं इस मामले में चिकित्सक के अलावे किसी और की बात न मानें। फिलहाल सैर सपाटे पर नहीं निकले एवं भीड़ से दूर रहे। इस तरह कोरोना फिर से आने से रोका जा सकता है।