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मुख्य सचिव के तबादले पर बिफरीं ममता ने केंद्र को खत लिखकर कहा- आदेश वापस लीजिए

कोलकाता, 31 मई (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव अलापन बंदोपाध्याय के तबादले पर ममता बनर्जी और केंद्र सरकार में ठन गई है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मुख्य सचिव अलापन बंदोपाध्याय को कार्यमुक्त करने से इनकार कर दिया है। सोमवार को ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में कहा है कि पश्चिम बंगाल सरकार ऐसे मुश्किल दौर में अपने मुख्य सचिव को कार्यमुक्त नहीं कर सकती है। गौर हो कि केंद्र ने 28 मई को राज्य सरकार को पत्र लिखकर अलापन बंदोपाध्याय को मुक्त करने का अनुरोध किया था। अलापन को 31 मई की सुबह 10 बजे पहले से रिपोर्ट करने को कहा गया था। इसे रद्द करने की मांग करते हुए ममता बनर्जी ने पत्र में कहा, ‘पश्चिम बंगाल सरकार ऐसी मुश्किल घड़ी में अपने मुख्य सचिव को रिहा नहीं कर सकती और न ही रिहा कर रही है।’ ममता बनर्जी ने पीएम मोदी को लिखे पत्र में केंद्र के इस फैसले को वापस लेने, पुनर्विचार करने और आदेश को रद्द करने का अनुरोध किया। 31 मई को ही बंदोपाध्याय मुख्य सचिव पद से रिटायर्ड हो रहे थे लेकिन 24 मई को ही राज्य में कोविड-19 महामारी से निपटने में मदद के लिए बंद्योपाध्याय का कार्यकाल तीन महीने के लिए बढ़ाने का केंद्रीय आदेश जारी किया गया था। कानून के जानकारों ने आशंका जताई थी कि केंद्र के लिए बंगाल के मुख्य सचिव को सेवानिवृत्त होने के दिन दिल्ली बुलाने के आदेश का पालन मुश्किल हो सकता है। जानकारों का कहना था कि राज्य सरकार अपने अधिकारों का प्रयोग करते हुए उन्हें कार्यमुक्त करने से इनकार कर सकती है। गौर हो कि चक्रवात के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की समीक्षा बैठक में ममता बनर्जी शामिल नहीं हुई थी और मुख्य सचिव भी स्वागत के लिए नहीं पहुंचे थे। इसके बाद उन्हें केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर निर्गत किया गया है।

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