राष्ट्रपति, ओडिशा के राज्यपाल, मुख्यमंत्री, पटनायक ने ‘नूआंखाइ’ उत्सव पर लोगों को शुभकामनाएं दीं
भुवनेश्वर/नई दिल्ली, 28 अगस्त (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, ओडिशा के राज्यपाल हरि बाबू कंभमपति, मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी और विपक्ष के नेता नवीन पटनायक ने बृहस्पतिवार को राज्य के पश्चिमी भागों में मनाए जाने वाले कृषि आधारित त्योहार ‘नूआंखाइ’ के अवसर पर लोगों को शुभकामनाएं दीं।
‘नूआंखाइ’ का अर्थ है ‘नया चारा’। यह मूल रूप से ओडिशा के पश्चिमी जिलों में मनाया जाने वाला एक कृषि आधारित त्योहार है जिसमें साल की पहली फसल किसी देवी को अर्पित की जाती है तथा बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद लिया जाता है।
ओडिशा से ताल्लुक रखने वालीं राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने गृह राज्य के लोगों के साथ ही सभी देशवासियों को इस अवसर पर हार्दिक बधाई दी।
राष्ट्रपति ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘कृषि आधारित लोकपर्व नूआंखाइ के अवसर पर मेरी ओर से समस्त देशवासियों, विशेषकर ओड़िशावासियों को हार्दिक बधाई। यह त्योहार कृषि के प्रति सम्मान और किसानों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का पावन अवसर है। यह सद्भाव और आत्मीयता का प्रतीक है। मेरी शुभकामना है कि नूआंखाइ सभी के जीवन को सुख, शांति और समृद्धि से परिपूर्ण करे।’’
राज्यपाल ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘पश्चिमी ओडिशा के लोकपर्व नूआंखाइ के अवसर पर राज्य के लोगों को मेरी हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं। माता समलेई के आशीर्वाद से सभी का जीवन खुशियों और समृद्धि से भर जाए।’’
मुख्यमंत्री माझी ने भी राज्य के लोगों को शुभकामनाएं दीं और कहा, ‘‘हमारी संस्कृति, समृद्धि और एकता का प्रतीक है नूआंखाइ। मैं आपको बधाई देता हूं और नमन करता हूं… नई उम्मीदें लेकर आया यह नूआंखाइ आपके जीवन को सुख, शांति और समृद्धि से भर दे, यही मैं दिल से प्रार्थना कर रहा हूं।’’
विपक्ष के नेता नवीन पटनायक ने भी लोगों को हार्दिक शुभकामनाएं दीं और एक वीडियो संदेश में कहा, ‘‘शुभ नूआंखाइ त्योहार की पूर्व संध्या पर, मैं ओडिशा के लोगों को ‘नूआंखाइ जुहार’ की शुभकामनाएं देता हूं।’’
संबलपुर लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, ‘‘हमारे क्षेत्र के एक बड़े त्योहार, एक महान कृषि समुदाय के त्योहार, नूआंखाइ के अवसर पर, मैं सभी लोगों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देता हूं। नूआंखाइ किसानों और कृषि की समृद्धि और कल्याण की बात करता है।’’
राज्य का लोकपर्व ‘नूआंखाइ’, नए कपड़े पहनकर, इष्टदेव की पूजा करके तथा पूरे परिवार के साथ शानदार भोजन करके मनाया जाता है।
मंदिरों से जुड़े अनुष्ठानों के अलावा, दोस्तों, रिश्तेदारों और शुभचिंतकों के बीच पारंपरिक अभिवादन स्वरूप ‘नूआंखाइ जुहार’ का आदान-प्रदान इस त्योहार का एक प्रमुख हिस्सा है। इस अवसर पर, पश्चिमी ओडिशा के किसान अपने ईष्ट देवी-देवता को वर्ष की पहली फसल अर्पित करते हैं, और परिवार के मुखिया अपने ईष्टदेवी- देवता को चावल और अन्य खाद्य पदार्थ अर्पित करते हैं।
संबलपुर में मां समलेश्वरी, बोलांगीर में मां पटनेश्वरी, कालाहांडी तथा अन्य स्थानों पर मां मणिकेश्वरी के मंदिरों में नूआंखाइ उत्सव प्रमुख रूप से मनाया जाता है।
राज्य का पूरा पश्चिमी क्षेत्र इस उत्सव में शामिल होता है, जिसमें लगभग 10 जिले शामिल हैं। अपने गांवों से बाहर रहने वाले लोग इस दिन अपने घरों को लौटकर बड़ों का आशीर्वाद लेते हैं।
राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी ने कहा कि नूआंखाइ त्योहार मानवता के अस्तित्व के लिए खाद्यान्न उपलब्ध कराने वाली देवी-देवताओं के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए मनाया जाता है।