नई दिल्ली न्यूज़

दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के झटके, पाकिस्तान में था केंद्र

नई दिल्ली, 24 सितंबर (सक्षम भारत)। राजधानी और उसके आस-पास के इलाकों में भकंप के झटके महसूस किए गए हैं. भूकंप के झटके उत्तर भारत के कई राज्यों समेत पाकिस्तान में भी महसूस किए गए हैं. बताया जा रहा है कि पाकिस्तान के जाटलान इलाके में भूकंप का केंद्र था. यह जगह लाहौर से करीब से 173 किलोमीटर दूर है. भूकंप के झटके पंजाब के अमृतसर, लुधियाना, चंडीगढ़, गुरदासपुर में भी महसूस किए गए हैं. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.8 मापी गई है। भारत में पाकिस्तान से सटे जम्मू-कश्मीर में भूकंप की सबसे ज्यादा तीव्रता थी।

जनकारी के के मुताबिक, शाम 4ः30 के आसपास उत्तर भारत के लोगों को भूकंप के झटके लगे। पाकिस्तान में कई जगहों पर भूकंप से सड़कें टूट गईं और गाड़ियां पलट गई हैं। पाकिस्तान के मीरपुर में बड़े नुकसान की खबरें मिल रही हैं। कई मकान गिरे हैं और कई जगहों पर सड़कें टूटी हैं। फिलहाल करीब 50 लोगों के घायल होने की खबर है और उन्हें अस्पतालों में पहुंचाया जा रहा है। वहीं, भूकंप के तेज झटकों से मंगलवार को पाकिस्तान के साथ-साथ भारत कई राज्यों के लोग हिल गए। भारतीय समयानुसार शाम 4ः31 बजे भूकंप के झटके महसूस हुए।

मिली जानकारी के मुताबिक, दिल्ली के साथ-साथ गुरुग्राम, नोएडा और गाजियाबाद में भूकंप के झटकों के चलते लोग दफ्तरों और घरों से बाहर निकल आए। मिली जानकारी के मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर समेत देश के कई हिस्सों में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं। इनमें जम्मू कश्मीर और चंडीगढ़ भी शामिल हैं। भूकंप की तीव्रता 5.8 रिक्टर स्केल थी, जबकि इसका अधिकेंद्र लाहौर से उत्तर पश्चिमी दिशा में 173 किलोमीटर की दूरी पर था।

बता दें कि दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र की एक बड़ी समस्या आबादी का घनत्व भी है। तकरीबन दो करोड़ की आबादी वाली राजधानी दिल्ली में लाखों इमारतें दशकों पुरानी हैं और तमाम मोहल्ले एक दूसरे से सटे हुए बने हैं। ऐसे में बड़ा भूकंप आने की स्थिति में जानमाल की भारी हानि होगी। वैसे भी दिल्ली से थोड़ी दूर स्थित पानीपत इलाके के पास भू-गर्भ में फॉल्ट लाइन मौजूद है जिसके चलते भूकंप की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।

विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि दिल्ली में भूकंप के साथ-साथ कमजोर इमारतों से भी खतरा है। एक अनुमान के मुताबिक, दिल्ली की 70-80 फीसदी इमारतें भूकंप का औसत से बड़ा झटका झेलने के लिहाज से नहीं बनी हैं। भूकंप का एहसास होते ही घबराएं नहीं। घर से बाहर किसी खाली जगह पर खड़े हो जाना चाहिए। बच्चों व बुजुर्गों को पहले घर से बाहर निकालें, किनारे में खड़े रहें। घर में भारी सामान सिर के ऊपर नहीं होना चाहिए।

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