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दिल्ली उच्च न्यायालय ने बंगाल कोयला खनन घोटाले में गिरफ्तार आरोपी की ‘हिरासती पैरोल’ बढ़ायी

नई दिल्ली, 01 सितंबर (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। दिल्ली उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल में कथित कोयला खनन घोटाले से जुड़ी धन शोधन की जांच के संबंध में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तार किए गए एक आरोपी की अभिरक्षा में पैरोल की अवधि बृहस्पतिवार को पांच दिनों के लिए बढ़ा दी। न्यायमूर्ति जसमीत सिंह ने गुरुपद माझी को राहत दी ताकि वह पिछले महीने हुए अपनी मां के निधन के बाद कुछ रीति-रिवाजों में भाग ले सके।

अदालत ने आरोपी की रिहाई की अवधि बढ़ाने की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि तीन सितंबर के बजाय उसकी अभिरक्षा में पैरोल (कस्टडी पैरोल) आठ सितंबर को खत्म होगी। अदालत ने कहा, ‘‘याचिकाकर्ता को दी गयी अभिरक्षा में पैरोल पांच दिनों यानी आठ सितंबर तक बढ़ायी जाती है।’’ जांच एजेंसी ने मई में माझी को गिरफ्तार किया था और उसे 25 अगस्त को तीन सितंबर तक के लिए अभिरक्षा में पैरोल पर रिहा किया गया ताकि वह अपनी मां के अंतिम संस्कार में शामिल हो सके।

ईडी ने कहा कि उसे अभिरक्षा में पैरोल पांच दिनों तक बढ़ाए जाने पर कोई आपत्ति नहीं है। एजेंसी ने कहा कि माझी इस मामले के ‘‘सरगना’’ या मुख्य आरोपी अनूप माझी का साथी है और उसे ‘‘अनूप माझी उर्फ लाला तथा उसके सहयोगियों से अवैध कोयला खनन कारोबार से 66 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम मिली थी।’’

ईडी का धन शोधन का यह मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा नवंबर 2020 में दर्ज एक प्राथमिकी से निकला है। इस प्राथमिकी में पश्चिम बंगाल के कुनुस्तोरिया तथा कजोरा इलाकों में ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड खदानों के संबंध में करोड़ों रुपये के घोटालों का आरोप लगाया गया है।

ईडी ने पिछले साल मई में इस मामले में आरोपपत्र दाखिल किया था। एजेंसी ने कहा कि यह अपराध 1,352 करोड़ रुपये का है और उसने अब तक 180 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है। ईडी ने टीएमसी सांसद और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी से इस मामले में पूछताछ की है। उनकी पत्नी रुजिरा को भी सम्मन भेजा गया था।

 

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