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जेआईबीएस ने तनाव प्रबंधन और प्रदर्शन में वृद्धि पर वर्चुअल सत्र आयोजित किया

नई दिल्ली, 14 मई (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। प्रभावी तनाव प्रबंधन में इस्तेमाल की जा सकने वाली तकनीकों के बारे में छात्रों को लैस करने के उद्देश्य से, जिंदल इंस्टीट्यूट ऑफ बिहेवियरल साइंसेज (जेआईबीएस) ने ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के तत्वावधान में 14 मई को तनाव प्रबंधन और प्रदर्शन में वृद्धि पर एक विशेष वर्चुअल सत्र का आयोजन किया।

सत्र की अध्यक्षता प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक प्रोफेसर (डॉ) संजीव पी साहनी ने की, जो जिंदल इंस्टीट्यूट ऑफ बिहेवियरल साइंसेज (जेआईबीएस) में प्रधान निदेशक भी हैं। ऑनलाइन कार्यक्रम में कक्षा 11 वीं और 12 वीं के बड़ी संख्या में छात्रों ने भाग लिया।

इस अवसर पर बोलते हुए, डॉ साहनी ने विभिन्न विश्राम तकनीकों, समय-प्रबंधन कौशल और समूह उपचारों पर प्रकाश डाला जो छात्रों में प्रभावी तनाव प्रबंधन और प्रदर्शन को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि तनाव का पूर्ण उन्मूलन यथार्थवादी नहीं है, लेकिन विभिन्न उपकरण और तकनीक इसके नियमन और प्रबंधन में मदद कर सकते हैं।

जब हम प्रतिदिन के अकादमिक और कई तरह के कार्य करते हैं तो हमें हमें शरीर के बैलेंस और स्थिरिता बनाए रखने की अत्यधिक जरूरत है। काम, विश्राम, फन के लिए समय निकालने और उसी समय चुनौतियों का सामना करने के लिए दबाव को सहने के लिए तैयार रहने की जरूरत है।

उन्होंने कहा, ब्रीथिंग एक्सरसाइज, रिलेक्स करने की तकनीक, ध्यान, सोना का उचित शिड्यूल पर ध्यान देने की जरूरत है, ताकि हम जिंदगी की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार हो और मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित न हो।

जिंदल इंस्टीट्यूट ऑफ बिहेवियरल साइंसेज द्वारा उनके सामुदायिक आउटरीच पहल के एक भाग के रूप में आयोजित कार्यक्रमों की मेजबानी की श्रृंखला में एक और ऑनलाइन कार्यक्रम है।

वैश्विक महामारी के कारण, जिसमें फीजिकल लर्निग एक्सचेंज प्रतिबंधित है, जिंदल इंस्टीट्यूट ऑफ बिहेवियरल साइंसेज (खकइर) ने मानसिक स्वास्थ्य, भावनात्मक भलाई और तनाव प्रबंधन से संबंधित विभिन्न व्यवहार विज्ञान विषयों पर 300 से अधिक ऑनलाइन सत्र आयोजित किए हैं।

100,000 से अधिक प्रतिभागियों- जिनमें छात्र, माता-पिता, शिक्षक और अन्य पेशेवर शामिल हैं- ने अब तक ऑनलाइन सत्रों में भाग लिया है, जिसका उद्देश्य जागरूकता बढ़ाना और व्यवहार संबंधी दक्षताओं के ज्ञान और समझ को मजबूत करना है।

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