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किसान आंदोलन स्थल पर दुष्कर्म पर केजरीवाल क्यों खामोशः चाहर

नई दिल्ली, 14 मई (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) किसान मोर्चा ने दिल्ली की टिकरी सीमा पर किसान आंदोलन स्थल पर एक युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म के मुद्दे पर चुप्पी साधने के लिए आंदेालनकारी किसान नेताओं एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आज आड़े हाथों लेते हुए मांग की है कि आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाये और आंदोलन स्थल तुरंत खाली कराया जाये।

भाजपा किसान मोर्चा अध्यक्ष एवं सांसद राजकुमार चाहर ने यहां एक बयान में कहा कि आंदोलन स्थल पवित्रता का प्रतीक होता है।

आंदोलन एवं आंदोलन स्थल की एक गरिमा होती है लेकिन तथाकथित किसान नेताओं ने इस गरिमा को तार-तार करने का काम बार-बार किया है।

श्री चाहर ने कहा कि सर्वप्रथम भारत की संप्रभुता के प्रतीक लाल किले पर तांडव किया और तिरंगे का अपमान किया गया।

आंदोलन के दौरान ही कुछ महिला पत्रकारों के साथ छेड़छाड़ हुई और अब तो अमानवीयता की पराकाष्ठा हो गई जब आंदोलन स्थल पर एक युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म होता है और उसकी मृत्यु हो जाती है।

बलात्कार के आरोपी किसान सोशल आर्मी के नेता अनूप सिंह ,अनिल मलिक ,अंकुर सागवान सभी फरार चल रहे हैं और इनका सीधा सीधा संबंध अरविंद केजरीवाल से हैं।

उन्होंने पूछा, “संयुक्त किसान मोर्चा के तथाकथित किसान नेता योगेंद्र यादव को सब कुछ मालूम होने के बावजूद भी चुप्पी क्यों साधे रहे ? आखिर आंदोलन की आड़ में हमारी बहन बेटियों के साथ खिलवाड़ कब तक? जो राजनीतिज्ञ गिद्ध एवं बुद्धिजीवी हाथरस पर हाहाकार मचा रहे थे, श्री प्रियंका वाड्रा एवं श्री राहुल गांधी छोटी-छोटी बात पर ट्वीट करते हैं अभी तक उनका ट्वीट क्यों नहीं आया?” श्री चाहर ने कहा, “श्री अरविंद केजरीवाल, श्रीसंजय सिंह एवं सुश्री स्वाति मालीवाल एक बेटी की अस्मिता लूटने पर मौन क्यों है क्योंकि उनके खुद के नेताओं ने उसकी अस्मिता को लूटा है?” उन्होंने कहा कि बेटी बेटी में फर्क नहीं किया जा सकता।

उत्तर प्रदेश की बेटी और टिकरी बॉर्डर की बेटी दोनों समान है किंतु सभी विपक्षी राजनीतिक दलों , संयुक्त किसान मोर्चा एवं बुद्धिजीवियों का दोहरा चरित्र देश के सामने आ रहा है।

उन्होंने कहा कि भाजपा राष्ट्रीय किसान मोर्चा मांग करता है की पीड़िता को न्याय जल्द से जल्द मिले एवं जो भी अपराधी हैं उन्हें सख्त से सख्त सजा मिले।

संयुक्त किसान मोर्चा के तथाकथित किसान नेताओं को आंदोलन स्थल की पवित्रता भंग होने पर नैतिकता के आधार पर समूचा आंदोलन क्षेत्र तुरंत खाली करना चाहिए।

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