शीर्ष न्यायालय ने उन्नाव बलात्कार पीड़िता को विमान से दिल्ली लाने का निर्देश दिया
नई दिल्ली, 05 अगस्त (सक्षम भारत)। उच्चतम न्यायालय ने लखनऊ स्थित केजीएमसी अस्पताल में भर्ती उन्नाव बलात्कार पीड़िता को बेहतर इलाज के लिए विमान से दिल्ली लाने और एम्स में भर्ती कराने का सोमवार को निर्देश दिया। बलात्कार पीड़िता पिछले सप्ताह कार और ट्रक की टक्कर में गंभीर रूप से घायल हो गई थी। न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति अनिरूद्ध बोस की पीठ ने यह निर्देश देने से कुछ मिनट पहले ही पीड़िता और उसके घायल वकील को एम्स स्थानांतरित करने का मामला शुक्रवार के लिये स्थगित कर दिया था क्योंकि उनके परिवार की ओर से इस तरह का अनुरोध करने के लिये कोई उपस्थित नहीं था। कुछ समय बाद परिवार के सदस्य की ओर से एक वकील पीठ के समक्ष पेश हुए और कहा कि पीड़िता की मां चाहती हैं कि उनकी बेटी को बेहतर इलाज के लिये दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में लाया जाये क्योंकि उसकी हालत अब भी नाजुक बनी हुयी है। पीठ ने पीड़िता की ओर से पेश अधिवक्ता डी रामकृष्ण रेड्डी के कथन का संज्ञान लेते हुये उसे किंग जार्ज मेडिकल कालेज से एम्स स्थानांतरित करने का आदेश दिया। पीठ ने इस मामले की सुनवाई शुक्रवार के लिये निर्धारित करते हुये स्पष्ट किया कि घायल वकील का परिवार भी यह राहत प्राप्त कर सकता है और उन्हें जब भी आवश्यकता हो, संपर्क कर सकता है। भाजपा से निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने 2017 में पीड़िता से उस समय कथित रूप से बलात्कार किया था जब वह नाबालिग थी। पीड़िता इस समय जीवन रक्षक उपकरणों पर है। पिछले सप्ताह रायबरेली के निकट उसकी कार को एक ट्रक ने टक्कर मार दी थी। इस टक्कर में महिला की चाची और मौसी की मृत्यु हो गयी थी जबकि वह और उसका वकील गंभीर रूप से घायल हो गये। पीठ को सूचित किया गया कि न्यायालय के निर्देशानुसार महिला के चाचा महेश सिंह को उन्नाव जेल से दिल्ली की तिहाड़ जेल में भेज दिया गया है। महिला की कार के साथ ट्रक की टक्कर में महेश सिंह की पत्नी भी मृत्यु हो गयी थी और उनके अंतिम संस्कार में हिस्सा लेने के लिये इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उन्हें एक दिन की पैरोल पर रिहा किया था। इसके साथ ही न्यायालय ने इस प्रकरण से संबंधित सभी मामले दिल्ली की अदालत में स्थानांतरित कर दिये थे और सीबीआई को निर्देश दिया था कि ट्रक दुर्घटना के मामले की जांच एक सप्ताह के भीतर पूरी करे। साथ ही न्यायालय ने स्पष्ट किया था कि इस जांच की अवधि सात दिन ही और आगे बढ़ाई जा सकेगी। उत्तर प्रदेश विधान सभा में बांगरमऊ क्षेत्र से चार बार के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पिछले साल अप्रैल 2018 से जेल में हैं।