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चिदंबरम के अंतरिम जमानत के अनुरोध पर निचली अदालत विचार करे: न्यायालय

नई दिल्ली, 02 सितंबर (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को निचली अदालत से कहा कि आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को अंतरिम जमानत देने के आग्रह पर आज ही विचार करे। इससे पहले चिदंबरम ने न्यायलाय से कहा कि उन्हें न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल नहीं भेजा जाये बल्कि घर में ही नजरबंद कर दिया जाये। शीर्ष अदालत ने कहा कि यदि निचली अदालत सोमवार को ही चिदंबरम के अंतरिम जमानत के अनुरोध पर विचार नहीं करती है तो उनकी सीबीआई हिरासत की अवधि तीन दिन के लिये बढ़ा दी जायेगी।न्यायमूर्ति आर भानुमति और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ ने सीबीआई को निर्देश दिया कि वह निचली अदालत द्वारा चिदंबरम के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने और बाद उन्हें जांच ब्यूरो की हिरासत में देने के आदेश को चुनौती देने के मामले में अपना जवाब दाखिल करे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की सीबीआई हिरासत की अवधि आज खत्म हो रही है और उन्हें दिन में संबंधित निचली अदालत में पेश किया जायेगा।चिदंबरम की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्ब्ल ने पीठ से कहा कि पूर्व मंत्री को गैर जमानती वारंट के आधार पर गिरफ्तार किया गया था और इसके बाद 12 दिन से वह सीबीआई की हिरासत में हैं। उन्होंने गैर जमानती वारंट जारी करने और फिर कांग्रेस के नेता को सीबीआई की हिरासत में दिये जाने पर सवाल उठाये। सिब्बल ने कहा, गैर जमानती वारंट जारी नहीं किया जाना चाहिए था। या तो मुझे (चिदंबरम) अंतरिम जमानत दी जाये या फिर घर में ही हिरासत में रखा जाये। उन्हें (चिदंबरम) तिहाड़ जेल नहीं भेजा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि निचली अदालत द्वारा हिरासत में देने के आदेश शीर्ष अदालत रद्द कर सकती है और चिदंबरम को उनकी याचिका का शीर्ष अदालत में निबटारा होने तक अंतरिम संरक्षण प्रदान किया जाना चाहिए। पीठ ने कहा, उन्हें नियमित जमानत के लिये याचिका दायर करनी होगी। सक्षम अदालत के पास मामला है। हम नियमित अदालत और उच्च न्यायालय के अधिकार क्षेत्र को क्यों लांघे। इस पर सिब्बल ने कहा कि यदि न्यायिक हिरासत में चिदंबरम को तिहाड़ जेल भेजा गया तो फिर उनकी याचिका निरर्थक हो जायेगी। सीबीआई की ओर से अतिरिक्त सालिसीटर जनरल के एम नटराज ने चिदंबरम को किसी भी प्रकार का अंतरिम संरक्षण देने के अनुरोध का विरोध किया और कहा कि एक आरोपी यह नहीं कह सकता कि वह पुलिस हिरासत या न्यायिक हिरासत में रहेगा। सिब्बल ने कहा कि चिदंबरम को सीबीआई की हिरासत की अवधि पूरी होने पर आज निचली अदालत में पेश किया जायेगा और अगर उन्हें न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया गया तो शीर्ष अदालत में लंबित उनकी याचिका निरर्थक हो जायेगी। सिब्बल ने कहा, मुझे (चिदंबरम) अंतरिम जमानत दी जाये या फिर घर में गिरफ्तार करके रखा जाये। वह 74 साल के वृद्ध व्यक्ति हैं और पिछले 12 दिन से सीबीआई की हिरासत में हैं। पीठ ने कहा कि चिदंबरम इस बारे में निचली अदालत से अनुरोध कर सकते हैं। सिब्बल का कहना था कि निचली अदालत उनका अनुरोध अस्वीकार कर देगी और इसलिए शीर्ष अदालत को उनकी याचिका का निबटारा होने तक संरक्षण देना चाहिए। पीठ ने दलीलें सुनने के बाद चिदंबरम को निर्देश दिया कि वह निचली अदालत से कानून के अनुरूप अंतरिम जमानत सहित उचित राहत का अनुरोध करें।पीठ ने कहा कि यदि चिदंबरम के अंतरिम जमानत के अनुरोध पर निचली अदालत विचार नहीं करती है तो उनकी सीबीआई हिरासत की अवधि तीन दिन के लिये बढ़ा दी जायेगी। पीठ ने कहा कि वह चिदंबरम की याचिका पर पांच सितंबर को सुनवाई करेगी।

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