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लाॅकडाउन की आड़ में छोटे-बड़े दुकानदार खुलेआम कर रहे है काला-बाजारी व जमाखोरी प्रिंट रेट से भी 20 से 30 प्रतिशत अध्कि रेट में बेच रहे है खाद्य वस्तुओं का समान

-: विजय कुमार भारती :-

-: सक्षम भारत :-
नई दिल्ली । कोरोना महामारी की दूसरी लहर रोकने के लिए दिल्ली सरकार अथक प्रयास और प्रशासन अपना कार्य कर रहा है, लाॅकडाउन की आड़ में दिल्ली के उत्तरी-पश्चिमी जिला, शहरी और ग्रामीण क्षेत्रा, रोहिणी, मंगोलपुरी, सुल्तानपुरी, राजपार्क, बेगमपुर, भलस्वा गांव, अमन विहार, किराड़ी, बुराड़ी, जहांगीपुरी, नांगलोई, नरेला में खाद्य वस्तु परचुन की दुकान चलाने वाले, बिग बाजार, रिलांइस प्रफेरेश, बनिये की दुकान व अन्य परचुन बड़े माॅल नुमा दुकाने, खाद्य वस्तुओं की बिक्री में 20 से 25 प्रतिशत का इजापफा करके सरेआम बेच रहे है। छोटे दुकानदार 5 रूपयें की बिढ़ी, सिगरेट, तम्बाकू के पिं्रट रेटों में डबल का इजापफा हुआ है। सरसों का तेल, चीनी, चावल, आटा और दालों व मसालों में भी 20 से 25 प्रतिशत बढ़ौतरी की गई और दुकानदार थोक सरकारें कों इसका जिम्मेदार बताते है परन्तु छोटे-बड़े दुकानदार ही काला-बाजारी का मुख्य केन्द्र है।
दुकानदारों ने खाद्य वस्तु खास कर सरसों का तेल, दाल, चावल चीनी, मसालों की जमाखोरी कर अपने छोटे बड़े गोदामों में भर रखा है। एक ओर कोरोनो वायरस का कहर दिल्ली के लोगो पर कहर बरपा रहा है और वहीं दुसरी और दिल्ली के दुकानदारों ने छोटी-मोटी चीजों के दामों पर 20 से 25 प्रतिशत का इजापफा कर स्थानीय लोगों की जेबे काटना व खुली लूट करना शुरू कर दिया है। खाद्य सरसों के तेल मार्किट रेट से 30 गुना ज्यादा रेट पर जनता को बेचा जा रहा है। स्थानीय आरडब्ल्यूए व समाजसेवी संस्थाओं ने दिल्ली सरकार व आयुक्त, दिल्ली पुलिस से इन दुकानदारों के खिलापफ महामारी एक्ट, खाद्य वस्तु पर काला-बाजारी करने पर आईपीसी/सीआरपीसी के तहत कानूनी कार्यवाही करने की मांग की।

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