मानहानि मामले में नहीं दूंगा केजरीवाल को माफी: तंवर
नई दिल्ली, 25 जुलाई (सक्षम भारत)।
नई दिल्ली पालिका परिषद (एनडीएमसी) के उपाध्यक्ष करण सिंह तंवर का कहना है कि वह मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, आम आदमी पार्टी के नेता दिलीप पांडेय, दिल्ली छावनी क्षेत्र के विधायक सुरेन्द्र सिंह और ओखला से विधायक अमानतुल्ला खान को न्यायालय द्वारा समन जारी किए जाने के मामले को आगे तक ले जाएंगे। उन्होंने कहा कि इसके लिए वे इन लोगों को कभी माफी भी नहीं देंगे क्योंकि इनके आरोपों से मेरी छवि खराब हुइ और मेरा जीवन तक संकट में पड़ गया। तंवर ने गुरुवार को बताया कि उनके द्वारा 16 मई 2016 में हुए एनडीएमसी के लॉ ऑफिसर एमएमखान हत्याकांड के मामले में दायर मानहानि की शिकायत याचिका पर दिल्ली की अदालत ने मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल, आम आदमी पार्टी के नेता दिलीप पांडेय, दिल्ली छावनी क्षेत्र के विधायक सुरेन्द्र सिंह व ओखला से विधायक अमानतुल्ला खान को समन जारी कर इन सभी को 7 अगस्त को न्यायालय में पेश होने का आदेश दिया है। तंवर ने कहा कि यह अत्यन्त दुःखद व शर्मनाक बात है कि मुख्यमंत्री के संवैधानिक पद पर बैठे अरविंद केजरीवाल ने अपनी राजनीति नाकामियों की ओर से जनता का ध्यान हटाने के उद्देश्य से मेरे साथ जघन्य अपराध जैसा कुकर्म किया है। उन्होंने मेरी 46 वर्षों की बेदाग, भ्रष्टाचार विरोधी व नर सेवा नारायण सेवा की राजनीतिक छवि को धूमिल करने के लिए एनडीएमसी के पूर्व स पदा अधिकारी एम.एम खान की लगभग दो वर्ष पूर्व हुए हत्याकांड में तंवर की संलिप्तता होने की बात कह दी। जबकि दिल्लीपुलिस द्वारा इस हत्याकांड में षड्यंत्रकारियों को 48 घंटों के भीतर जेल की सींखचों में डाल दिया गया था। तंवर ने कहा कि इस पूरे प्रकरण में दिल्ली पुलिस द्वारा मुझे क्लीन चिट भी दे दी गई थी। फिर भी केजरीवाल, दिलीप पांडेय और इनके दोनों विधायक बाज नहीं आये और अपनी कुत्सीत मनोवृत्ति के अनुसार अपना भोंपू चालू रखे रहे। पालिका परिषद उपाध्यक्ष तंवर ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री को झूठ बोलने में महारत हासिल है व झूठ बोलना उनका फैशन बन चुका है। इसी प्रकार के अनेकों झूठ इन्हें विभिन्न न्यायालयों के कठघरे में खड़ा कर चुका है जिसके लिये यह कई बार माफी भी मांग चुके हैं। यही नहीं अपने बच्चों तक की झूठी कसमें खाना इनकी आदतों में शुमार हो गया है। एक ऐसी ही झूठी साजिश इन्होंने इस एम एम खान हत्याकांड में रची और इस बार भी इन्हें मुंह की खानी पड़ी है। अगर अब भी मुख्यमंत्री केजरीवाल और उनके नेता झूठ बोलने से बाज नहीं आये तो न्यायालय के साथ साथ दिल्ली की जनता भी उन्हें माफ नहीं करेगी। इसलिये मुख्यमंत्री को इस पूरे मामले में माफी मांगते हुए नैतिक आधार पर अपने संवैधानिक पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।