व्यापार

भारतीय कंपनियों में इस साल औसत वेतन वृद्धि दोहरे अंक में होने की उम्मीद: रपट

नई दिल्ली, 23 जुलाई (सक्षम भारत)।

भारतीय कारपोरेट जगत में इस साल औसत वेतन वृद्धि 10.95 प्रतिशत रहने का अनुमान है। लेकिन सभी प्रमुख क्षेत्रों में वेतन वृद्धि सीमित रहने की ही संभावना है। टीमलीज की मंगलवार को जारी एक रपट में यह बात कही गयी है। टीमलीज ने जॉब्स एंड सैलरीज प्राइमर-2019 रपट में कहा कि बैंकिंग, वित्तीय सेवा एवं बीमा, बीपीओ एवं सूचना प्रौद्योगिकी संबद्ध सेवाएं, ई-वाणिज्य एवं प्रौद्योगिकी स्टार्टअप, शैक्षणिक सेवाएं, रोजमर्रा के उपभोक्ता उत्पाद (एफएमसीजी) और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में सबसे अधिक यानी 13 प्रतिशत से अधिक वेतन वृद्धि की उम्मीद है। रपट में कहा गया है कि भारतीय कारपोरेट क्षेत्र में औसत वेतन वृद्धि दोहरे अंक में लगभग 10.95 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। यह रपट विभिन्न उद्योग क्षेत्रों में नौकरी पर रखे जाने और वेतन के आंकड़ों का विश्लेषण कर तैयार की गयी है। हालांकि कृषि एवं कृषि रसायन, वाहन, रीयल एस्टेट, आतिथ्य, औद्योगिक विनिर्माण, मीडिया एवं मनोरंजन, बिजली एवं ऊर्जा, खुदरा और दूरसंचार क्षेत्र में कम वेतन वृद्धि करने वाले क्षेत्र रहेंगे और यहां वेतन वृद्धि 13 प्रतिशत से कम रहने की संभावना है। रपट में नौ शहरों और 17 उद्योग क्षेत्रों का सर्वेक्षण किया गया है। इनमें छह शहरों और आठ क्षेत्रों में वेतन वृद्धि सकारात्मक रहने की उम्मीद है। टीमलीज सर्विसेस की सह-संस्थापक और कार्यकारी उपाध्यक्ष रितुपर्णा चक्रवर्ती ने कहा कि उभरती बाजार जरूरतों के साथ भारतीय रोजगार बाजार नौकरी के पदों के लिहाज से बदलाव के दौर से गुजर रहा है। आने वाले सालों में आज और कल के लिए नियोक्ता अत्याधुनिक भूमिकाओं के हिसाब से नौकरी देने पर ध्यान रखेंगे।

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