राजनैतिकशिक्षा

पूरा विश्व दीपावली की रोशनी व दियों क़ी जगमगाहट से सराबोर होगा

-किशन सनमुखदास भावनानी-

-: ऐजेंसी/सक्षम भारत :-

वैश्विक स्तरपर दुनियाँ में भारत एक ऐसाअकेला देश है जो सदियों से अपनी रीति रिवाजो, मान्यताओं अपने पूर्वजों की संस्कृतियों से चलने वाला देश है।हालांकि दुनियां में भारत ही एक अकेला ऐसा देश है, जहां हजारों, लाखों जाति समाज धर्म समुदाय सेसारोबार हैं, जहां एकता में अनेकता का भाव है।यही कारण है कि हर धर्म समाज जाति समुदाय के मानुषी जीव अपनेअपने धर्म समुदायों के त्यौहार बड़े धूमधाम से मनाते हैं, परंतु इतिहास में सदियों से चल रहा एक पर्व दीपावली को मनाने का अगर हम अध्ययन करेंगे तो सभी धर्मो जातियों समुदायों के लोग इस पर्व को धूमधामसे मनाते हैं,हालांकि कुछ अपवाद से इनकार नहीं किया जा सकता फिर भी बड़ी मात्रा में यह पर्व सभी मिलकर मनाते हैं, जो इस वर्ष 31 अक्टूबर 2024 को है।परंतु इसका आगाज़ 29अक्टूबर 2024 को धनतेरस के दिन से 5 दिन क़े उत्सव के रूप में हो गया है, जिसका इंतजार लोग लंबे समय से कर रहे थे। धनतेरस, पहले दिन का उत्सव मनाया गया इस दिन खरीदी करना शुभ माना जाता है जिसमें लोग भीड़ के रूप में उमड़ पड़े जो कि शुभ मुहूर्त में खरीदी किए। इस दिन मां लक्ष्मी,भगवान धन्वंतरि और कुबेर देव की पूजा की गई व घर में 5 दिन के लिए दिए जलाने का शुभ क्रम शुरू हो गया, इसके माध्यम से सुख समृद्धि को अपने घर में न्योता दिया जाता है। कहा जाता है कि धनतेरस के दिन लक्ष्मी भगवान धन्वंतरि और कुबेर देव की पूजा करने से साल भर घर में धन की वर्षा होती है। धनतेरस के दिन हर किसी के जीवन में कई अनेक खुशियां और समृद्धि लेकर आता है,जो लोगों ने श्रद्धा के साथ किए।कहते हैं यह आस्था भारत में ही अधिक है पाश्चात्य देश इससे अछूते हैं। परंतु बता दें दीपावली एक ऐसा पर्व है जो पूरे विश्व के हर देश में मनाया जाता है अमेरिका ऑस्ट्रेलिया इंग्लैंड जैसे विकसित देशों से लेकर सिंगापुर मॉरीशस मलेशिया श्रीलंका शहर अनेक देशों में मनाया जाता है। अमेरिका में टाइम्स स्क्वायर पर 20 अक्टूबर 2024 को दिवाली पर्व बड़े धूमधाम से मनाया गया तो दिनांक 28 अक्टूबर 2024 को व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति जो बिडेन और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस की उपस्थिति में दीए जलाकर दीपावली मनाई गई जिसकी शुरुआत जो बायडेन द्वारा 2021 से की गई थी जो अब प्रतिवर्ष मनाया जाता है, जिसकी चर्चा हम नीचे पर में करेंगे। पूरी दुनियाँ दीपावली की रोशनी दियों की जगमगाहट से सराबोर होगा,इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे,पूरी दुनियाँ में बसे मूल भारतीय दियों की जगमगाहट व आतिशबाजी कर भारतमय में सराबोर होते हैं।साथियों बात अगर हम 28 अक्टूबर 2024 को अमेरिका के वॉशिंगटन डीसी में स्थित व्हाइट हाउस में दीपावली मनाने की करें तो,भारत में इस साल कई लोगों को दिवाली की तारीख को लेकर कंफ्यूजन है लेकिन बता दें कि इस वर्ष दीपावली का पर्व 31 अक्टूबर 2024 को मनायाजा रहा है।प्रतिष्ठित विद्वानों, ज्योतिषाचार्यों और धर्मशास्त्राचार्यों ने ज्योतिषीय गणनाओं के आधार पर यह फैसला लिया है ऐसा मीडिया में आया है।अमेरिका के मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडेन को दिवाली का त्योहार कितना पसंद है, ये दुनिया देख चुकी है। हर साल वो दिवाली का त्योहार बड़े धूमधाम से मनाते हैं। इस बार भी आज यांने सोमवार को राष्ट्रपति बाइडेन व्हाइट हाउस में देशभर से बड़ी संख्या में आए भारतीय अमेरिकियों के साथ दिवाली मनाई।पिछले वर्षों की परंपरा को जारी रखते हुए, राष्ट्रपति अपनी स्पीच से पहले ब्लू रूम में दीया जलाए,इसके बाद वह भारतीय अमेरिकियों के एक ग्रुप को संबोधित किए ,जिनके लिए वह एक रिसेप्शन आयोजित किए।पिछले साल भी उन्होंने दिया जलाकर दिवाली की बधाई सभी को दी थी, यह आखिरी मौका होगा जब वो व्हाइट हाउस में दिवाली मनाएंगे क्योंकि उन्होंने खुद को राष्ट्रपति पद की रेस से इस बार बाहर कर लिया है। राष्ट्रपति पद के लिए मुकाबला अब पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस के बीच है जो चुनाव 5 नवंबर 2024 को होगा।राष्ट्रपति के भाषण के दौरान लोगों को अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा की प्रतिष्ठित अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स का एक वीडियो संदेश भी सुनाया। कार्यक्रम में शास्त्रीय दक्षिण एशियाई नृत्य और संगीत समूह नूताना और मरीन कॉर्प्स बैंड मेहमानों का मनोरंजन किया।
साथियों बात अगर हम अमेरिका न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वायर पर 20 अक्टूबर 2024 कोदीपावली मनाने की करें तो, मूल भारतीयों नें टाइम्स स्क्वायर पर दिखा दिवाली का जश्न,भारतवंशियों संग नजर आए अमेरिकी दोस्त,इस कार्यक्रम में अलग अलग सांस्कृतिक समुदाय के लोगों ने अपनी-2 परफॉर्मेंस दी,इस दौरान मेयर एरिक एडम्स, न्यूयॉर्क राज्य विधानसभा सदस्य जेनिफर राजकुमार, सीनेटर चक शूमर और न्यूयॉर्क में भारत की बिनया प्रधान वहां मौजूद थीं। राजकुमार ने पूरे अमेरिका में दिवाली के दिन स्कूलों में छुट्टी दिलाने में अहम भूमिका निभाई है।इस कार्यक्रम के बाद मेयर एडम्स ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कुछ तस्वीरें साझा की।पोस्ट में उन्होंने लिखा आज टाइम्स स्क्वायर पर वार्षिकदिवाली समारोह के लिए अपने हिंदू भाइयों और बहनों के साथ होने पर गर्व है, क्योंकि हम अंधेरे को दूर भगा रहे हैं और अपने पूरे शहर में रोशनी का स्वागत कर रहे हैं,पोस्ट में उन्होंने लिखाआज टाइम्स स्क्वायर पर वार्षिक दिवाली समारोह के लिए अपने हिंदू भाइयों और बहनों के साथ होने पर गर्व है, क्योंकि हम अंधेरे को दूर भगा रहे हैं और अपने पूरे शहर में रोशनी का स्वागत कर रहे हैं।टाइम्स स्क्वायर पर दिवाली की संस्थापक नीता भसीन ने भी समारोह के दौरान अहम भूमिका निभाई। उत्सव का समापन दीये जलाने के औपचारिक समारोह के साथ हुआ।बताया जाता है कि न्यूयॉर्क में साल 2013 से दिवाली मनाई जाती रही है।पिछले साल न्यूयॉर्क शहर में दिवाली को आधिकारिक तौर पर स्कूल की छुट्टी के रूप में भी मान्यता दी गई थी।मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका में लगभग 4.4 मिलियन भारतीय मूल के लोग रहते हैं, जिनमें से भारतीय मूल के लोग अमेरिका में तीसरा सबसे बड़ा एशियाई जातीय समूह हैं।
साथियों बात अगर हम भारत अमेरिका सहित पूरी दुनियाँ में दीपावली महोत्सव मनाने की करें तो,कई अन्य देशों में भी इस त्योहार का उतना ही महत्व है? नेपाल, बाली, सिंगापुर समेत कई देशों में दिवाली पर खूब रौनक रहती है।अमेरिका के कुछ स्टेट्स में भी दिवाली की सरकारी छुट्टी रहती है। इससे हम समझ सकते हैं कि सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि अमेरिका व अन्य कई देशों में भी दिवाली की छुट्टी रही।अमेरिका में बड़ी संख्या में भारतीय रहते हैं।अमेरिका के राष्ट्रपति दिवाली के खास अवसर पर व्हाइट हाउस में दीप भी प्रज्वलित करते हैं। इस बार 5 नवंबर 2024 को राष्ट्रपति चुनाव को देखते हुए दिवाली को बहुत महत्व है,लाखों मूल भारतीय वहां रहते हैं और दीपावली उनका सबसे बड़ा पर्व है इसलिए दीपावली का महत्व और भी बढ़ गया ह।संयुक्त राष्ट्र अमेरिका के पेनसिल्वेनिया प्रांत ने दिवाली पर्व के मौके पर ऑफिशियल छुट्टी घोषित करने वाला एक कानून पास किया है।इस विधेयक को पेनसिल्वेनिया सीनेट ने 50-0 से पास किया।बता दें कि पेनसिल्वेनिया में करीब 2 लाख साउथ एशियंस रहते हैं और उनके लिए रोशनी का उत्सव एक खुशी का मौका होता है।पिछले साल न्यूयॉर्क के मेयर एरिक एडम्स ने 2023 से न्यूयॉर्क सिटी में स्थित स्कूलों में दिवाली के दिन सार्वजनिक छुट्टी की घोषणा की थी। यहां ईद पर भी छुट्टी रहती है।बता दें कि दिवाली का त्योहार सिर्फ भारत के ही नहीं, बल्कि दुनियाभर में बसे हिंदू, सिख, बौद्ध और जैन लोग हंसी-खुशी के साथ मनाते हैं।भारत के अलावा भी कई देशों में दिवाली परआतिशबाजी की जाती है।मलेशिया:यहाँ सरकारी छुट्टियों वाली लिस्ट में दिवाली भी शामिल है. वहां इसे हरी दिवाली कहा जाता है, इस अवसर पर ऑयल बाथ का चलन है। मॉरिशियस में हिंदू आबादी को देखते हुए दिवाली पर सरकारी छुट्टी का प्रावधान है. इस द्वीप पर दीपावली के खास अवसर पर लैंप जलाए जाते हैं और घरों को भी सजाया जाता है।नेपाल:यहाँ दिवाली को तिहार या स्वन्ति कहा जाता है. वहां इस पर्व को 5 दिनों तक मनाया जाता हैहालांकि वहां इसका राष्ट्रीय अवकाश नहीं होता है।नेपाल, यहाँ में दिवाली को तिहार या स्वन्ति कहा जाता है. वहां इस पर्व को 5 दिनों तक मनाया जाता है, हालांकि वहां इसका राष्ट्रीय अवकाश नहीं होता है।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि पूरा विश्व दीपावली की रोशनी व दियों क़ी जगमगाहट से सराबोर होगा।पूरी दुनियाँ में बसे मूल भारतीय दियों की जगमगाहट व आतिशबाजी कर भारतमय में सराबोर होते हैं।दीपावली पर्व पर अमेरिका सिंगापुर मॉरीशस मलेशिया सहित अनेक देशों में सरकारी छुट्टी घोषित है,जो इसपर्व को भव्यता प्रदान करती है।

 

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