राजनैतिकशिक्षा

2024 के चुनाव में विपक्षी चेहरा की कमी

-संजय गोस्वामी-

-: ऐजेंसी/सक्षम भारत :-

वर्तमान सरकार द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव बनाने का जूनून भी देश को राजनीती से दूर रहकर विकसित भारत के निर्माण का संकल्प है आजादी से पहले भारत की आर्थिक स्थिति बड़ी दयनीय थी, यहाँ विकास की धारा 1951 से विधिवत एवं एक फ्रेमवर्क के तहत शुरू हुआ, देश के आर्थिक विकास को लेकर तमाम तरह की योजनाएं बनाई गई। विगत 76 सालों में भारत ने प्रत्येक क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति की हैं। आजादी के बाद से भारत ने सभी क्षेत्रों में खुद को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में सार्थक कदम उठाएं हैं। आधुनिक तकनीक तथा अपने संसाधनों के संतुलित उपयोग के जरिये नई सम्भावनाओं को भी तराशा हैं। कृषि तथा उद्यानिकी में साठ के दशक में शुरू हुई हरित क्रांति ने तेजी से खाद्यान्न के क्षेत्र में हमने आत्मनिर्भरता हासिल की। 2024के लोकसभा चुनाव में मोदी जी को तीसरा टर्म देना उचित है इसका कारण यह है कि विपक्ष के पास प्रधानमंत्री उम्मीदवार का क़ोई चेहरा सही नहीं है मोदी के ऊपर क़ोई आरोप नहीं है और कुल मिलाकर देश में अच्छा शासन रहा क्योंकि इसमें क़ोई आतंकवादी घटना नहीं हुई देखिए दूसरी पार्टी में लगभग सभी प्रधानमंत्री के उम्मीदवार है और बाद में प्रधानमंत्री बनाने, बनने का क्रम ना चलता रहे इससे योजना पर असर होता है क्योंकि हर सरकार अपने अनुसार देश को चलाना चाहती है जहाँ तक ईडी व सी बी आई का सबाल है देखिये पार्टी चलाना में खर्चा होता है और इससे भ्रष्टाचार बढ़ता है चोरी चाहे 1रूपये की हो या 1करोड़ की कानून के अनुसार दोनों सेक्शन 378के अंतर्गत आरोपी है आम आदमी पार्टी कहीं ना कहीं अपनी विचारधारा से हटी और दुर्घटना घटी जिसका परिणाम देखने को मिला है अतः इसमें राजनीति एक्सपीरियंस की कमी है पुरे देश में देखा जाए तो दिल्ली व पंजाब के अलावा दूसरे राज्यों में 50-100 वोट भी मिलना मुश्किल हो जाता है अतः उसके लिए अति उत्तम है कांग्रेस में विलय कर लेना इससे दोनों को फायदा हो सकता है क्योंकि आमआदमी पार्टी से क़ोई नहीं तो केजरीवाल जी प्रधानमंत्री के उम्मीदवार के रूप में ठीक होगा क्योंकि आईआईटी पास है अच्छा बोल लेते है इसलिए तो शराब में इतना बड़ा डील सफल रहा अब सबाल यह हैं कि कुछ ज्यादा उत्साह होने से फंस गए देखिये चोरी बहुत लोग करते हैं लेकिन जब पकड़े जाते तो घोटाला के रूप दोषी पाए जाते हैं राम मंदिर भी एक सपना से कम नहीं था और जम्मू से आर्टिकल 370हटाना व विज्ञान में विकास सर्जिकल स्ट्राइक, कोरोना में देश को अच्छी तरीक़े से निकाल देना भी सरकार की महत्वपूर्ण उपलब्धि है शिक्षा में नवाचार, प्रशिक्षण की व्यवस्था एवं आधुनिक स्तर के विद्यालय महाविद्यालय स्थापित कर शिक्षा के शिक्षा में भी पर्याप्त उंचाइयो तक पहुंचे। विज्ञान और तकनीकी और सदुपयोग से हमने डिजिटल भारत जैसे अभियानों से प्रत्येक गाँव के व्यक्ति तक आधुनिक संचार की सुख सुविधाएं प्रदान की हैं। आज चिकित्सा के फील्ड में एल्लोपैथी, आयुर्वेदिक, योगा व होम्योपैथी की बेहतरीन चिकित्सा पद्धतियाँ हमारे देश में हैं। आजादी के बाद से ही भारत के विकास की धारा गाँव से शुरू की गई, गाँवों को भारत की आत्मा कहा गया हैं। इस कारण अपने संसाधनों का उपयोग गाँवों में भी उसी स्तर पर किया हैं अतः मोदीजी को एक टर्म मिला तो ठीक नहीं तो जनता ही मालिक है। लेकिन इतना जरूर है 2024 के चुनाव में विपक्षी चेहरा की कमी है इसलिए बिहार के मुख्य मंत्री नीतीश कुमार ने इंडि गठबंधन से बाहर हो गए। सत्ता का लोभ मनुष्य के जीवन का ऐसा मानसिक विकार है, जो उसके उत्कर्ष में बाधा डालता है लेकिन मज़बूरी है कि कौन सबों में अच्छा विकल्प है।

 

 

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