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अगले सप्ताह आ सकता है 2014 से पहले के आर्थिक ‘कुप्रबंधन’ पर श्वेत पत्र

नई दिल्ली, 01 फरवरी (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। सरकार वर्ष 2014 से पहले अर्थव्यवस्था के ‘कुप्रबंधन’ के बारे में एक श्वेत पत्र लेकर आने की तैयारी में है। इसे अगले सप्ताह संसद में रखा जा सकता है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में पहली बार सरकार 2014 में ही बनी थी। उसके पहले लगातार 10 वर्षों यानी 2004-14 तक मनमोहन सिंह की अगुवाई वाली सरकार रही थी। मोदी सरकार का दूसरा कार्यकाल भी अब जल्द खत्म होने वाला है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को वर्ष 2024-25 का अंतरिम बजट पेश करते हुए इस कुप्रबंधन पर श्वेत पत्र लाने की जानकारी दी।

सीतारमण ने कहा, ”सरकार अर्थव्यीवस्था। के बारे में सदन के पटल पर श्वेतत पत्र पेश करेगी, ताकि ये पता चल सके कि वर्ष 2014 तक हम कहां थे और अब कहां हैं। इस श्वेनत पत्र का मकसद उन वर्षों के कुप्रबंधन से सबक सीखना है।”

सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस श्वेत पत्र को अगले सप्ताह संसद में पेश किया जा सकता है। संसद का मौजूदा सत्र लोकसभा चुनावों के पहले का अंतिम अधिवेशन है। यह अधिवेशन नौ फरवरी तक प्रस्तावित है।

वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि वर्ष 2014 में देश की बागडोर संभालने के बाद सरकार संकटों से निपटने में सफल रही और अब अर्थव्यवस्था सर्वांगीण विकास के साथ उच्च वृद्धि की राह पर अग्रसर है।

उन्होंने कहा, ”2014 में अर्थव्य वस्थास को चरणबद्ध ढंग से दुरुस्तृ करने और शासन प्रणाली को सही राह पर लाने की बड़ी जिम्मेमदारी थी। समय की मांग थी कि लोगों की उम्मीसदें जगें, निवेश आकर्षित किया जाए और जरूरी सुधारों के लिए समर्थन जुटाया जाए। ऐसे समय में सरकार ने ‘राष्ट्रम प्रथम’ के मजबूत विश्वारस के साथ इसे सफलतापूर्वक हासिल किया।”

सीतारमण ने कहा कि सरकार के कामकाज, प्रदर्शन और ‘जन कल्याण’ ने लोगों का विश्वास और आशीर्वाद दिलाया है। इससे पता चलता है कि आने वाले समय में नेक इरादे, सच्चीस लगन और सतत प्रयासों से ‘विकसित भारत’ का लक्ष्यय हासिल किया जा सकता है, चाहे इसके लिए कितनी भी कोशिश करने पड़े।

 

 

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