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हंगामे के कारण राज्यसभा की कार्यवाही अपराह्न दो बजे तक स्थगित

नई दिल्ली, 10 अगस्त (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने नियम 176 के तहत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में मणिपुर की घटनाओं पर चर्चा कराने की मांग की, इसका सत्तारूढ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्यों ने कड़ा विरोध किया जिसके कारण सदन की कार्यवाही अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
सुबह सदन की कार्यवाही शुरु होने के बाद श्री खड़गे ने मणिपुर की घटनाओं पर चर्चा कराने की मांग की और इसका विपक्षी दलों के सदस्यों ने जोरदार समर्थन किया। सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि उन्हें नियम 267 के तहत मणिपुर हिंसा पर चर्चा कराने के लिए 48 नोटिस मिले है जो नियम के अनुसार नहीं है उन्हें अस्वीकृत कर दिया गया है। इसी तरह से इसी मामले पर अल्पकालिक चर्चा के लिए 19 और नियम 167 के तहत चर्चा के लिए तीन नोटिस मिले है इसी दौरान सदन के नेता पीयुष गोयल ने कहा कि विपक्ष के एक वरिष्ठ नेता की ओर से उन्हें चार विपक्षी नेताओं से मिलने का प्रस्ताव आया था। वह विपक्ष के नेता के कमरे में गये भी और कुछ बातचीत भी हुई उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों के नेताओं ने उनके कमरे में आने से मना कर दिया यह उनकी मानसिकता काे दर्शाता है। इसका कांग्रेस के जयराम रमेश ने कड़ा विरोध किया।
बाद में विपक्ष के नेता श्री खड़गे ने कहा कि सदन के नेता उनके कमरे में आये थे और वह किसी तरह नियम 176 के तहत मणिपुर पर चर्चा कराना चाहते थे। उन्होंने कहा कि इसके लिए पूरा समय दिया जायेगा। श्री खड़गे ने कहा कि वह प्रधानमंत्री की उपस्थिति में मणिपुर की घटनाओं पर चर्चा चाहते है। जिसका भाजपा के सदस्यों ने कड़ा विरोध किया। शोरगुल के दौरान ही श्री खड़गे ने कहा कि प्रधानमंत्री परमात्मा या भगवान नहीं है। जिसके बाद सदन में हंगामा शुरु हाे गया और उसकी कार्यवाही अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

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