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राज्यसभा में आज भी जारी रहा हंगामा

नई दिल्ली, 25 जुलाई (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। राज्यसभा में मंगलवार को आम आदमी पार्टी के सदस्य संजय सिंह के निलंबन, मणिपुर की स्थिति तथा छत्तीसगढ़ और राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ हिंसा के मुद्दों पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्यों ने जमकर हंगामा किया जिसके कारण सदन की कार्यवाही 12:00 बजे तक स्थगित कर दी गई।
मानसून सत्र का यह लगातार चौथा दिन है, जब सदन में शून्यकाल नहीं हो सका है और हंगामा जारी है।
सभापति जगदीप धनखड़ ने सुबह सदन की कार्यवाही शुरू की तो विपक्षी दलों के सदस्य श्री संजय सिंह निलंबन को लेकर नारेबाजी करने लगे। सभापति ने सदस्यों से शांत होने की अपील की और सदन की कार्यवाही चलने देने का आग्रह किया। आम आदमी पार्टी के राघव चड्ढा ने श्री संजय सिंह के निलंबन में उचित प्रक्रिया का पालन नहीं होने का मुद्दा उठाया। सभापति ने उनके मुद्दे को खारिज किया और विपक्ष के शोर-शराबे के बीच जरूरी दस्तावेज सदन के पटल पर रखवायें। इसी बीच कांग्रेस के प्रमोद तिवारी ने मणिपुर की स्थिति को लेकर सदन में चर्चा कराने की मांग की।
सदन की कार्यवाही आगे बढ़ाते हुए श्री धनखड़ ने कहा कि विपक्षी दलों के सदस्यों से नियम 267 के तहत 51 नोटिस मिले हैं। उन्होंने सभी 51 सदस्यों के नाम पढ़ें । इनमें से एक नोटिस ज्ञानवापी मस्जिद के संबंध में है जबकि अन्य नोटिस मणिपुर की स्थिति पर चर्चा कराने के बारे में है।
सभापति ने बताया कि नियम 176 के तहत उन्हें तीन नोटिस मिले हैं। ये नोटिस राजस्थान और छत्तीसगढ़ में महिलाओं तथा बच्चों पर हिंसा को लेकर है। श्री धनखड़ ने कहा कि सरकार मणिपुर पर चर्चा कराने को तैयार है इसलिए नियम 267 के तहत मिले सभी नोटिस अस्वीकार किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद के संबंध में नोटिस निर्धारित प्रावधान के अनुसार नहीं है इसलिए इसे भी अस्वीकार किया जाता है।
सदन के नेता पीयूष गोयल ने कहा कि सभापति को नियम 176 के तहत मिले नोटिस पर राजस्थान और छत्तीसगढ़ के संबंध में चर्चा कराने के लिए समय निर्धारित करना चाहिए। सरकार इस चर्चा के लिए तैयार है। पूरे देश में महिलाओं और बच्चों पर हिंसा बढ़ने के समाचार मिल रहे हैं, इसलिए इस पर चर्चा आवश्यक है। कांग्रेस के पी चिदंबरम ने कहा कि सदन में पहले मणिपुर पर चर्चा होनी चाहिए। इस पर सत्ता पक्ष के सदस्य छत्तीसगढ़ और राजस्थान में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ हिंसा पर चर्चा कराने की मांग को लेकर अपनी सीटों से आगे आ गए और नारेबाजी करने लगे। विपक्षी सदस्यों ने भी शोर-शराबा आरंभ कर दिया। सभापति ने दोनों पक्षों से शांत होने की अपील की लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ। इसके बाद उन्होंने सदन की कार्यवाही 11 बजकर 20 मिनट पर 12:00 बजे तक स्थगित करने की घोषणा कर दी।

 

 

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