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चन्द्रयान 3 के सफल प्रक्षेपण, अंतरिक्ष में तिरंगा लहरायेगा

-विनोद तकियावाला-

-: ऐजेंसी/सक्षम भारत :-

विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत की चर्चा चारों दिशाओं हो रही है। चाहे वह हमारे पड़ोसी देश चीन पाकिस्तान हो, अमेरिका, जापान हो, सभी की निगाहे हमारे वैज्ञानिकों की उपलब्धियाँ पर है। वह दिन दूर नही जब भारत विकशित देशों के सर्वश्रेष्ट श्रेणी में होगा। आज हम आप के समक्ष ऐसी घटना की चर्चा करने जा रहे है जिस पर प्रत्येक भारत वासियों को गर्व है। जी हाँ आप सही सोच रहे चाँद पर तिरंगा फहराया का वह स्वर्णिम अवशर जल्द मिलने वाला है। प्रत्येक भारतीयों के इस सपने को साकार करने के लिए हमारे वैजानिक दिन रात लगे रहते है। अब हम इरा पर में विस्तार से चर्चा करेंगें। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शुक्रवार (14जुलाई) की दोपहर को 2 बजकर 35 मिनट पर तीसरे चंद्रयान मिशन को लॉन्च कर दिया। इस पर इसरो चीफ प्रमुख एस सोमनाथ ने कहाकि‘चंद्रयान-3’एलवीएम-3एम4 रॉकेट ने चंद्रयान 3 को सटीक कक्षा में स्थापित किया है। चंद्रयान-3 अपनी 3.84 लाख किलोमीटर की लंबी यात्रा पर निकल चुका है। चंद्रयान-3 को एल वी एम3- एम4 रॉकेट 179 किलोमीटर ऊपर तक ले गया। उसके बाद उसने चंद्रयान-3 को आगे की यात्रा के लिए अंतरिक्ष में धकेल दिया। इस काम में रॉकेट को मात्र 16:15 मिनट लगे। इस बार चंद्रयान-3 को एल वी एम3 रॉकेट ने जिस ऑर्बिट में छोड़ा है। वह170X36, 500 किलोमीटर वाली अंडाकार जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट है। पिछली बार चंद्रयान-2 के समय 45, 575 किलोमीटर की कक्षा में भेजा गया था। इस बार यह कक्षा इसलिए चुनी गई है ताकि चंद्रयान-3 को ज्यादा स्थिरता प्रदान की जा सके। आप को बता दें कि चन्द्रयान 3 कोचंद्रमा पर पहुंचने में करीब 42 दिन लगेंगे। 23-24अगस्त के बीच किसी भी समय यह चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर मैंजिनस-यू क्रेटर के पास उतरेगा। इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन यानी इसरो ने शुक्रवार दोपहर 2 बजकर 35 मिनट पर चंद्रयान-3 मिशन लॉन्च किया। 16 मिनट बाद चंद्रयान पृथ्वी की कक्षा में सफलतापूर्वक पहुंच गया। इस सफल लॉन्च की तारीफ देश ही नहीं, दुनियाभर में हो रही है। भारत की इस सफलता पर कई देशों ने खुशी जाहिर की। चंद्रयान-3 को आंध्र प्रदेश में श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से एल वी एम 3-एम4 रॉकेट के जरिए चंद्रयान को स्पेस में भेजा गया। इसरो चीफ एस सोमनाथ ने लॉन्च के बाद कहा कि यान ने चंद्रमा की ओर अपनी यात्रा शुरू कर दी है। अगर सब कुछ प्लान के अनुसार रहा तो 23 अगस्त को शाम 5.47 बजे यह चांद पर उतरेगा। भारत ने चंद्रयान-3 को सफलतापूर्वक ऑर्बिट में लॉन्च कर दिया है। स्पेसक्राफ्ट अगस्त में चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिग करने की कोशिश करेगा। अगर भारत इसमें सफल हुआ तो चांद पर कंट्रोल्ड लैंडिंग करने वाला चौथा देश बन जाएगा। मिशन केआखिरी73 दिन 80 वैज्ञानिक अपने घर ही नहीं गए, तब लॉन्च हुआ। चंद्रयान इसरो चेयरमैन एस. सोमनाथ ने आखिरी 73 दिन में मिशन से जुड़े सभी वैज्ञानिक दिन-रात चंद्रयान-3 केअलग-अलग हिस्सों को जोड़कर ढांचा बनाने में जुटे रहे। उन्हें घर जाने का मौका इक्का दुक्का को ही मिला। आज का यह सफल लांचिग इन्हीं के समर्पण, बुद्धिमानी व मेहनत का नतीजा है। इस टीम में प्रोजेक्ट डायरेक्टर पी वीरामुत्थुवल के अलावा 29 एसोसिएट व डिप्टी डायरेक्टर थे। 55 प्रोजेक्ट मैनेजर थे। एसोसिएट डायरेक्टर कल्पना की अहम भूमिका रही। इसीलिए चंद्रयान की सफल लांचिंग के बाद वीरामुत्थुवल ने कल्पना को मंच पर ही बुला लिया, ताकि चंद्रयान-3 में अहम भूमिका निभाने वाली महिला वैज्ञानिक को सब पहचान सकें।
आप को बता दे कि हमारे
इसरो के वैज्ञानिक चंद्रयान-2 के लैंडर की क्रैश लैंडिंग के बाद से ही चंद्रयान-3 की तैयार में जुट गए थे। पहला साल डेटा एनालिसिस और उसके सिमुलेशन के जरिए गड़बड़ियों को ढूढ़ने में बीता। दूसरे साल उपकरण व टेक्नोलॉजी में सुधार किया। तीसरा साल केवल परीक्षणों में गुजारा। संभावित गलतियों को जानबूझकर करके उनका परिणाम देखा। फिर सॉफ्टवेयर व सेंसर में सुधार किया। चौथा साल सभी प्रमुख केंद्रों के साथ बारीक समन्वय में बीता। कड़ी धूप होने के बावजूद बड़ी संख्या में लोग चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग देखने के लिए पहुंचे।
बीते एक साल में एल वी एम 3 की तीसरी उड़ान बीते एक साल में ही एल वी एम-3 रॉकेट की यह तीसरी उड़ान थी। लांच पैड पर खड़े एल वी एम 3 में सामने से या उसके भीतर मौजूद ईंधन तक करीब85फीसदी हिस्से को मुहैया कराने में इंडस्ट्री का योगदान था, हालांकि चंद्रयान-3 के लैंडररोवर व प्रोपल्शन मॉड्यूल को विकसित करने, डिजाइन करने और क्वालिटी कंट्रोल जैसी जिम्मेदारी इसरो की थी है। चंद्रयान 3 की सफल लांचिंग के बाद दुनिया की नजरें, भारत की अंतरिक्ष यात्रा पर लग गई हैं।
चंद्रयान1से पता चला था कि चंद्रमा के कई हिस्सों पर बर्फ है, पानी है या गीलेपन की स्थिति है। पूरी उम्मीद है कि टेस्टेड इंजन के जरिए इस बार चंद्रयान 3 की सुरक्षित लैंडिंग होगी। चंद्रयान 3 की कामयाबी भविष्य के द्वार खोलेगी। इसकी सफलता के बाद भारत, चंद्रमा पर अपना सर्विस स्टेशन बना सकेगा। लाइट के पोलेराइलेशन को स्टडी किया जा सकेगा। स्टेशन का इस्तेमाल, आगे की रिसर्च के लिए होगा। उस वक्त दुनिया में भारत की धमक होगी। दुनिया, भारत की तरफ देखेगी।
इस अवशर पर ही भारतीय वैज्ञानिकों व भारतवासियों को देश के महामहिम राष्ट्रपति, प्रधान मंत्री, विपक्षी दलों के नेताओं पडोसी देशो की शुभकामना ब बधाई संदेश प्राप्त हो रहे है।
चन्द्रयान 3 के प्रथम चरण के सफलता के लिए देश-विदेशो से भारत-भारतीय वैज्ञानिकों को बधाई मिल रही है। राष्ट्रपति महोदया द्रोपदी मुर्म ने कही कि भारत ने सफलतापूर्वक चंद्रयान 3 लॉन्च कर दिया है। इसके लिए इसरो की टीम को बधाई है। यह अंतरिक्ष विज्ञान और टेक्नोलॉजी में प्रगति के प्रति देश की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है। लूनरमिशन की सफलता के लिए मेरी शुभकामनाएं। पीएम मोदी ने कहाचंद्रयान-3 ने भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक नया अध्याय लिखा। यह हर भारतीय के सपनों और महत्वाकांक्षाओं को ऊपर उठाते हुए ऊंची उड़ान भरता है। यह महत्वपूर्ण उपलब्धि हमारे वैज्ञानिकों के अथक समर्पण का प्रमाण है। मैं उनकी भावना और प्रतिभा को सलाम करता हुँ।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि आज हममें से एक अरब से अधिक लोग गर्व से चमकते हुए आकाश की ओर देख रहे हैं। चंद्रयान3, 1962 में भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लॉन्च और 1969 में इसरो के निर्माण के बाद से वैज्ञानिकों कीओर से किए गए दशकों के श्रम का फल है। इस मिशन की सफलता हमें चंद्रमा की सतह पर अंतरिक्ष यान उतारने वाला चौथा देश बना देगी. सचमुच एक अविश्वसनीय उपलब्धि!इसरो की पूरी टीम को बधाई। मल्लिकार्जुन खरगे ने ट्वीट कियावैज्ञानिकों, इंजीनियरों और चंद्रयान मिशन के सफल प्रक्षेपण में शामिल सभी लोगों की जबरदस्त प्रतिभा, समर्पण, कौशल और कड़ी मेहनत को धन्यवाद। हमें आप पर गर्व है। कांग्रेस पार्टी की ओर से हम इसरो की टीम के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हैं। हम भी इस स्वर्णिम अवसर पर जब भारत विजयश्रीका डंका चारो दिशाओं बज रहा है। एक कलम के सिपाई होने के नाते हम भी अपने वैज्ञानिकों को दिल की गहराईयों से बधाई देते हुए उनकी स्वास्थ्य व दीर्घायु होने की कामना करते है तथा विदा लेते है-ना ही काहुँ से दोस्ती, ना ही काहुँ से बैर। खबरीलाल तो माँगे, सबकी खैर।
फिर मिलगें, तिरक्षी नजर से तीखी खबर के संग। तब तक के लिए-अलविदा

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