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यूजीसी ने विश्वविद्यालयों से शिक्षण, गैर शिक्षण संवर्ग में आरक्षण श्रेणी की रिक्तियां भरने को कहा

नई दिल्ली, 13 जून (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने सभी केंद्रीय एवं राज्य विश्वविद्यालयों और सहायता प्राप्त संस्थानों से शिक्षण एवं गैर शिक्षण संवर्ग में आरक्षण श्रेणी के तहत चिन्हित लंबित रिक्तियां भरने को कहा है।

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के संयुक्त सचिव डा. जी एस चौहान ने 12 जून को सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों, राज्य विश्वविद्यालयों, डीम्ड विश्वविद्यालयों और अनुदान सहायता प्राप्त संस्थानों को इस संबंध में पत्र लिखा है।

पत्र में कहा गया है कि यूजीसी अधिनियम 1956 के अनुसार, आयोग को संविधान के अनुच्छेद 30 (1) के तहत गठित अल्पसंख्यक संस्थानों को छोड़कर सार्वजनिक कोष से सहायता प्राप्त करने वाले संस्थानों एवं विश्वविद्यालयों में आरक्षण नीति का प्रभावी अनुपालन सुनिश्वित करना होता है।

पत्र के अनुसार, सभी केंद्र पोषित विश्वविद्यालयों/कालेजों/संस्थानों से आरक्षण को लेकर भारत सरकार के आदेशों/नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने की जरूरत है। राज्य विश्वविद्यालयों एवं उनसे संबद्ध कालेजों एवं अन्य संस्थानों को भी संबंधित राज्य सरकार द्वारा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए निर्धारित आरक्षण के प्रतिशत का अनुपालन करना चाहिए।

पत्र में विश्वविद्यालयों से कहा गया है, ‘‘आपसे आग्रह किया जाता है कि इन श्रेणियों में शैक्षिक एवं गैर शिक्षण संवर्ग में आरक्षण श्रेणी के तहत चिन्हित लंबित रिक्तियों को भरें।”

यूजीसी ने विश्वविद्यालयों एवं कालेजों से अपनी वेबसाइट पर इस संबंध में कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग, भारत सरकार के निर्देशों को नियमित अंतराल पर अद्यतन करने का आग्रह किया है।

आयोग ने कहा है कि वर्ष 2022-23 के दौरान सभी स्तरों के पाठ्यक्रमों में दाखिला, हॉस्टल एवं शिक्षण एवं गैर शिक्षण संवर्गों के बारे में जानकारी दी जाए।

यूजीसी ने सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों, राज्य विश्वविद्यालयों, डीम्ड विश्वविद्यालयों और अनुदान सहायता प्राप्त संस्थानों से संबद्ध कालेजों एवं संस्थानों को इस बारे में निर्देश जारी करने को कहा है।

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