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शोधार्थियों-छात्रों को संसद पुस्तकालय की सुविधा का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित करें : यूजीसी

नई दिल्ली, 11 मई (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने संसद भवन पुस्तकालय को देश के सभी नागरिकों के लिए खोले जाने की पृष्ठभूमि में सभी उच्च शिक्षण संस्थानों से शिक्षकों, शोधार्थियों एवं छात्रों को इस सुविधा का लाभ उठाने और यहां के ज्ञान संसाधनों के उपयोग के लिए प्रोत्साहित करने को कहा है।

यूजीसी के सचिव प्रो. मनीष आर जोशी ने 10 मई को सभी विश्वविद्यालय के कुलपतियों और कालेजों के प्राचार्यो को लिखे पत्र में कहा कि संसदीय ग्रंथालय इस देश के श्रेष्ठतम ग्रंथालयों में से एक है जिसमें ज्ञान संसाधनों का विशाल संग्रह है और यहां 17 लाख प्रकाशन सामग्री और संसाधन उपलब्ध हैं।

उन्होंने कहा कि इनमें बड़ी संख्या में पुस्तकें, रिपोर्ट, सरकारी प्रकाशन, संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट, संसदीय वाद विवाद संकलन, राजपत्र, पत्रिकाएं, समाचार पत्र सहित अनेक संकलन शामिल हैं।

जोशी ने कहा कि संसद भवन पुस्तकालय अब देश के सभी नागरिकों के लिए खोल दिया गया है और 17 अगस्त 2022 से संसद पुस्कतालय वेबसाइट पर आगंतुक पोर्टल पर आनलाइन बुकिंग की सुविधा उपलब्ध है।

यूजीसी के सचिव ने कहा कि इसके माध्यम से आगंतुक/शिक्षाविद, छात्र, शोधार्थी आदि संसद पुस्तकालय के उपयोग के लिए अपना समय बुक कर सकते हैं।

पत्र में कहा गया है कि संसद पुस्तकालय की वेबसाइट से पुस्तकों की विवरणिका और ई संसाधनों के ब्यौरे से जानकारी प्राप्त की जा सकती है। इस वेबसाइट पर संविधान सभा के वाद विवाद, संसदीय चर्चाओं, संसदीय समितियों की रिपोर्ट, प्रधानमंत्री के भाषण, लोकसभा प्रकाशन और 1854 के बाद के अन्य महत्वपूर्ण ऐतिहासिक दस्तावेज उपलब्ध हैं।

सचिव ने कहा, ‘‘ऐसे में उच्च शिक्षण संस्थानों से संसद पुस्तकालय तक पहुंच को लेकर सूचनाओं का प्रसार करने तथा छात्रों, शोधार्थियों, शिक्षकों और संसद पुस्तकालय आने वाले अन्य लोगों को इस समृद्ध एवं विविधतापूर्ण संसाधनों का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित करने का आग्रह किया जाता है।’’

संसद के पुस्तकालय में राजनीति, कला, विज्ञान, अंतरिक्ष, साहित्य सहित विभिन्न क्षेत्रों में लाखों पुस्तकें हैं। इसके अलावा इतिहास के प्रमुख किरदारों से लेकर आधुनिक भारत के महान नेताओं के बारे भी हजारों पुस्तकें हैं। यह पुस्तकालय शोध और संदर्भ के लिए सूचनाएं और जानकारी एकत्रित करने का भी महत्वपूर्ण स्रोत है।

लोकसभा सचिवालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, संसद पुस्तकालय की उत्पत्ति वर्ष 1921 में होने की बात सामने आई है जब भारत सरकार अधिनियम, 1919 के बाद केंद्रीय विधानसभा और काउंसिल ऑफ स्टेट्स का गठन किया गया था। इस समय में कम संख्या में प्रकाशन के साथ इसका गठन हुआ था जिसमें मूल रूप से विभागीय रिपोर्ट, नियमावली आदि शामिल थे।

वर्ष 1927 में संसदीय पुस्तकालय को पुराने सचिवालय भवन से संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में स्थानांतरित कर दिया गया था। वर्ष 1946 में केंद्रीय कक्ष के संविधान सभा में परिवर्तित किये जाने के बाद संसद पुस्तकालय को कमरा संख्या 64 से 69 में स्थानांतरित कर दिया गया था।

भारत की स्वतंत्रता के बाद संसद पुस्तकालय का वर्ष 1950, 1956, 1966 और दिसंबर 1974 में विस्तार किया गया।

नये संसद पुस्तकालय भवन ‘संसदीय ज्ञानपीठ’ का उद्घाटन सात मई 2002 को तत्कालीन राष्ट्रपति के आर नारायणन ने किया था।

भारत के समृद्धतम पुस्तकालयों में से एक संसदीय पुस्तकालय ने हाल में कुछ नई पहल करते हुए इस सुविधा को दृष्टिबाधित लोगों के अनुरूप बनाया है जिसमें हार्डवेयर उपकरण और साफ्टवेयर अनुप्रयोग की मदद ली गयी है।

 

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