देश दुनियानई दिल्ली न्यूज़

गौतम नवलखा ने नजरबंदी की जगह बदलने के लिए शीर्ष अदालत का किया रुख

नई दिल्ली, 21 अप्रैल (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। एल्गार परिषद-माओवादी संपर्क मामले में आरोपी मानवाधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा ने मुंबई में नजरबंदी की जगह बदलने की अपील के साथ शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय का रुख किया।

न्यायमूर्ति के. एम. जोसेफ और न्यायमूर्ति बी. वी. नागरत्ना की पीठ को नवलखा के वकील ने बताया कि अभी कार्यकर्ता को जहां नजरबंद रखा गया है वह एक सार्वजनिक पुस्तकालय है और उसे खाली करने की जरूरत है।

नवलखा के वकील ने मामले पर तत्काल सुनवाई का अनुरोध करते हुए कहा, ‘‘मैं केवल मुंबई में (नजरबंदी की) जगह बदलने की अपील कर रहा हूं।’’

अदालत में किसी अन्य मामले के लिए पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस. वी. राजू ने कहा कि उन्हें आवेदन के उल्लेख के बारे में कोई जानकारी नहीं है और उन्होंने इसका जवाब देने के लिए समय मांगा है।

पीठ ने कहा कि वह अगले शुक्रवार को मामले पर सुनवाई करेगी।

नवलखा को अगस्त 2018 में गिरफ्तार किया गया था और शुरुआत में उन्हें घर में नजरबंद रखा गया था। उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद अप्रैल 2020 में उन्हें नवी मुंबई के तलोजा केंद्रीय कारागार में स्थानांतरित कर दिया गया था।

उच्चतम न्यायालय ने पिछले साल 10 नवंबर को स्वास्थ्य संबंधी कारणों के चलते नजरबंदी में भेजने की उनकी याचिका मंजूर कर ली थी। नवलखा वर्तमान में महाराष्ट्र के ठाणे जिले के नवी मुंबई में रह रहे हैं।

मामला 31 दिसंबर 2017 को पुणे में आयोजित एल्गार परिषद सम्मेलन में दिए गए कथित भड़काऊ भाषणों से संबंधित है। पुणे पुलिस के अनुसार, इन भाषणों की वजह से अगले दिन कोरेगांव भीमा युद्ध स्मारक के आसपास के क्षेत्र में हिंसा हुई। मामले की जांच बाद में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) को सौंप दी गई थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *