नौकरी की मांग को डीडीए के खिलाफ लोगों का प्रदर्शन
नई दिल्ली, 30 सितंबर (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। डीडीए में नौकरी के दौरान मरने वाले 827 लोगों के परिजनों ने सोमवार को डीडीए ऑफिस के बाहर प्रदर्शन किया. लंबे समय से ये सभी मृतक आश्रित कोटे के तहत नौकरी की मांग कर रहे हैं. जनवरी महीने में इनसे आवेदन भी लिया गया, लेकिन केवल 102 लोगों को ही नौकरी दी गई. प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि नौकरी देने में भ्रष्टाचार किया गया है. इसलिए वे नौकरी की मांग को लेकर डीडीए ऑफिस पर प्रदर्शन कर रहे हैं.
प्रदर्शन में शामिल पंडित विजय वशिष्ठ ने बताया कि डीडीए ने मृतक आश्रितों से नौकरी का वादा किया था, लेकिन अब उन्होंने 827 में से केवल 102 लोगों को ही नौकरी दी है. उनका कहना है कि डीओपीटी के 100 पॉइंट फार्मूला के तहत ये नौकरी दी गई है. विजय का आरोप है कि डीडीए ने भ्रष्टाचार कर ये नौकरी दी है. डीडीए ने गरीब लोगों को छोड़कर ऐसे लोगों को नौकरी दी है जिनके पास घर, जमीन, फ्लैट यहां तक की परिवार में पहले से सरकारी नौकरी भी है. जबकि गरीब लोगों के साथ नाइंसाफी की गई है.
प्रदर्शन कर रहे मनोज ने बताया कि 102 लोगों को नौकरी देने के बाद बाकी सभी मृतक आश्रितों के आवेदन को डीडीए ने रिजेक्ट कर दिया है. डीडीए के पिछले उपाध्यक्ष ने वादा किया था कि वो सभी मृतक आश्रितों को नौकरी देंगे. जैसे-जैसे वेकैंसी होगी उन्हें नौकरी दी जाएगी. मनोज ने बताया कि 2014 से वो अपने पिता की मौत के बाद से नौकरी के लिए संघर्ष कर रहा है. लेकिन अब तक नौकरी नहीं दी गई है.
हेमंत ने बताया कि उसके पिता का देहांत साल 2009 में हुआ था. मृतक आश्रित कोटे के तहत उसने नौकरी के लिए आवेदन दिया, लेकिन दस साल बाद भी उसे नौकरी नहीं मिली. मई 2016 से सैकड़ों मृतक आश्रित लगातार डीडीए के बाहर धरने पर बैठे हुए हैं. हेमंत ने बताया कि कुल 1200 मृतक आश्रित हैं. जिनसे जनवरी 2019 में आवेदन मांगा गया था. 827 लोगों ने इसमें आवेदन किया था. अभी डीडीए ने डीओपीटी का 100 पॉइंट फार्मूला लगाकर 102 लोगों को नौकरी दे दी है, जबकि अन्य को रिजेक्ट कर दिया गया है. ये पहली बार है जब डीओपीटी का 100 पॉइंट फार्मूला लागू किया है. इससे पहले कभी इस तरीके से नहीं किया गया है.
हेमंत ने बताया कि डीडीए ने मृतक आश्रितों को नौकरी देने में गड़बड़ी की है. उन्होंने गरीब लोगों को छोड़कर ऐसे लोगों को पहले नौकरी दी है, जिनके परिवार में लोग सरकारी नौकरी कर रहे हैं. ऐसे लोगों को भी नौकरी दी गई है, जिन्हें कोर्ट ने नौकरी देने से इनकार कर दिया था. वहीं ऐसे शख्स को नौकरी नहीं दी गई है जिसे कोर्ट ने नौकरी देने के लिए कहा गया था. वहीं प्रदर्शन में शामिल आशा देवी ने बताया कि वो 2014 से अपने बेटे के लिए मृतक आश्रित कोटे के तहत नौकरी की मांग कर रही हैं. डीडीए ने उनसे जो दस्तावेज मांगे उन्होंने जमा कराएं, लेकिन इसके बावजूद अब तक उनके बेटे को नौकरी नहीं दी गई है.