भरोसे का ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट
-निलय श्रीवास्तव-
-: ऐजेंसी/सक्षम भारत :-
चुनौतियों को संभावना में बदलने वाले राज्य का नाम मध्यप्रदेश है। मध्यप्रदेश तरक्की और अपेक्षाओं से भरा है। दुनिया की अर्थव्यवस्था को झकझोर कर चौपट करने वाली महामारी कोरोना का बुरा दौर सभी ने देखा है। उस दौरान जब देश के दूसरे राज्यों में डर और आशंका का माहौल था तब मध्यप्रदेश ने आत्मविश्वास नहीं खोया और विकास की रफ्तार को थमने नहीं दिया। याद दिलाना होगा कि कोरोना नियंत्रण से लेकर वैक्सीनेशन तक के सभी मामलों में मध्यप्रदेश ने देश के दूसरे राज्यों को पीछे छोड़कर कीर्तिमान स्थापित किया था। यह एक उदाहरण मात्र है। आज जब मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान का कुशल नेतृत्व इस प्रदेश को मिल रहा है तब तरक्की का आयाम सबके सामने है। सबकी आँखों में विकास का सपना स्पष्ट रूप से झलकता दिखायी देता है जो स्वतः ही प्रमाणित करता है कि मध्यप्रदेश ने लघु भारत के रूप में अपनी पृथक पहचान स्थापित कर ली है। यहाँ उद्योग शिक्षा तथा अन्य स्त्रोतों से अपना भाग्य अजमाने वाले लोगों का ध्यान स्वतः ही खिंचा चला आ रहा है। देश तथा बाहर से उद्योगपतियों का यहाँ अवलोकन करने के लिए अक्सर आना – जाना बना रहता है। इस तरह लघु और बड़े उद्योगों को नया जीवन मिलेगा ऐसा विश्वास पुनः बन जाता है। मध्यप्रदेश के बड़े मंझोले तथा लघु उद्योगों को पुनः बड़े स्वरूप में संचालित कर युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार के अवसर देने की पहल मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान और उनकी सरकार ने की है।
इंदौर में आयोजित होने वाला ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट मात्र समिट नहीं बल्कि मध्यप्रदेश के भरोसे का समिट कहा जा सकता है। मध्यप्रदेश देश का एकमात्र ऐसा राज्य है जहाँ समय -समय पर निवेशकों को प्रोत्साहन देने के लिए कार्यक्रम चलायें जाते हैं। उद्योगों की कार्यक्षमता बढ़ाने के साथ ही युवाओं को रोजगार के अवसर सुलभ कराने की पहल अक्सर होती है। इसी श्रृंख्ला में इसी साल वर्ष 2023 के आरम्भ में 11 और 12 जनवरी को व्यापारिक नगरी इंदौर में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का भव्य आयोजन किया जा रहा है। इसका उद्देश्य निवेश को बढ़ाने के साथ ही उद्योग निर्यात तथा अन्य व्यापारिक गतिविधियों को नवीन ऊर्जा के साथ आगे बढ़ाना है। मध्यप्रदेश में या कहें कि देश में पहली बार पहला अवसर होगा जब ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 65 से ज्यादा देशों के प्रतिनिधिमंडल और 20 देशों के राजदूत उच्चायुक्त और राजनयिक भाग लेंगें। वह अद्भुत क्षण होगा जब 14 अंतर्राष्ट्रीय व्यापारिक संगठन अपने देशों के विभिन्न पहलुओं पर बातचीत करेंगें। प्रमुख रूप से य.ू एस. ए. कनाडा इंग्लैंड जापान इजराइल नीदरलैंड सिंगापुर थाईलैंड कंबोडिया बांग्लादेश और अफ्रीकी देशों के खरीददार अपनी सहभागिता देंगें। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में भारत के पाँच सौ से ज्यादा उद्योगपति अपने -अपने क्षेत्रों की विशेषताओं के बारे में बतायेंगें। कुमार मंगलम बिड़ला टाटा नादिर गोदरेज पुनित डालमिया और अजय पीरामल व्यापार उद्योग और निवेश-निर्यात पर अपना पक्ष रखेंगें। समिट में फार्मा आई टी आटोमोबाइल कपड़ा वस्त्र रसायन सीमेंट खाद्य् प्रसंस्करण पेट्रोकेमिकल पर्यटन नवकरणीय ऊर्जा सहित विभिन्न क्षेत्रों के उद्योगपति एक साथ विचार विमर्श कर बतायेंगें कि इन क्षेत्रों में विकास के साथ रोजगार की संभावनाओं को कैसे तलाशा जाये। आयोजन का उद्देश्य देश और विदेश से आने वाले निवेशकों को मध्यप्रदेश में चल रही औद्योगिक परिस्थितियों से अवगत करवा यहाँ अपनी – अपनी भागीदारी सुनिश्चित कराना है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट एक नये मध्यप्रदेश के निर्माण में सहायक साबित होगा। समिट में मध्यप्रदेश के औद्योगिक बुनियादी ढाँचे के मौजूदा और आगामी औद्योगिक पार्कों सहित प्रमुख निवेश परियोजनाओं को प्रदर्शित करने वाली प्रदर्शनी देखकर लोग उत्साहित हांेगें। प्रदर्शनी में फार्मा आई टी आटोमोबाइल्स टेक्सटाइल्स गारमेन्टस केमिकल्स सीमेंट फूड प्रोसेसिंग से जुड़े उद्योग अपने उत्पादों का प्रदर्शन करेंगें।
देश का हृदयस्थल मध्यप्रदेश अपनी विशिष्ट पहचानों के लिए जाना जाता है। यहाँ रोजगार तथा व्यापार सम्बंधी अनेक संसाधन मौजूद हैं। पूर्ववती सरकारों ने कभी इस ओर ध्यान आकर्षित नहीं किया। इसका परिणाम यह निकला कि संभावनायें अंधेरे में चली गयीं। पिछले डेढ़ दशक के लम्बे अंतराल में बतौर मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने यह तलाशना आरम्भ किया कि मध्यप्रदेश में बंद पड़े उद्योगों को दौबारा कैसे चालू किया जाये। उन्होनें निवेशकों की सहभागिता पर भी चिंतन आरम्भ किया। समय – समय पर निवेशकों के लिए सम्मेलन आयोजित कर उन्हें मध्यप्रदेश की औधोगिक अधोसंरचना से अवगत कराया जाता रहा है। स्वयं मुख्यमंत्री अनेकों बार देश के कई राज्यों का भ्रमण कर मध्यप्रदेश की औधोगिक क्षमता की प्रशंसा कर निवेशकों को मध्यप्रदेश आने के लिए आमंत्रित करते रहे हैं। प्रदेश की बेटियों को उद्योग तथा रोजगार से जोड़कर उनके स्वावलम्बन की चिंता करने वाले मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान प्रदेश के औद्योगिक तथा व्यापारिक ढाँचा को मजबूत करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहते। उनके शब्दों में ‘‘ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से हमें बड़ी उम्मीदें हैं। मध्यप्रदेश में जो उत्पाद बने हैं वे दुनिया में जायेंगें। पूरी दुनिया में मध्यप्रदेश की ब्राडिंग होगी। हमारी रुचि टेक्सटाईल और रेडिमेट गारमेंट में सबसे ज्यादा है क्योंकि उसमें सबसे ज्यादा रोजगार के अवसर उपलब्ध हैं। खास बात यह है कि इससे मिलने वाले रोजगार बेटियों को मिलते हैं।‘‘ ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट जैसे आयोजन समय- समय पर होते रहना आवश्यक है। इससे मध्यप्रदेश तो लाभांवित होगा साथ ही अन्य राज्यों को भी इसके फायदे ज्ञात होंगें। आर्थिक गतिविधियों के विशेषज्ञों की माने तो प्रदेश का आथर््िाक तथा व्यापारिक ढाँचा मजबूत होने का असर प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर सीधे पड़ेगा। युवाओं को रोजगार का रास्ता भी यहीं से निकलता है। मध्यप्रदेश के पास युवा शक्ति का भंडार है यदि उसकी कार्यक्षमता का उपयोग इस दिशा में किया जाये तो समृद्धि तो आयेगी ही इसके अलावा लाखों हाथों में रोजगार भी होगा।